भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के हाथ से बनी दरी और पूजा आसन इन दिनों खास डिमांड में है। भोपाल हाट से लेकर डीबी मॉल तक में कैदियों के बने इन सामानों की बम्बर बिक्री हो चुकी है। कैदियों के हाथ से बने सामानों की लगातार डिमांड बड़ रही है। जिसे लेकर जेल प्रशासन इनके प्रोडक्शन को बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
जानकारी के अनुसार एमप की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को जेल के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी एक अलग पहचान मिलेगी। उन्हें बिग बाजार मिला है। अब जेलों के बाहर भी कैदियों के प्रोडक्ट बिकेंगे। जेलों के प्रोडक्ट अभी तक सरकारी संस्थाओं में बेचे जाते थे। लेकिन अब प्राइवेट संस्थाओं को भी इन प्रोडक्ट की सप्लाई होगी। साथ ही प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ाने के लिए जेलों के अंदर नए उद्योग भी लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भोपाल जेल में कैदियों के बनाए प्रोडक्टों को लंबे समय से भोपाल जेल के अधिकारी तमाम बाजारों में बिकवाते आ रहे हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश भर के जेलों में बने सामानों को आम बाजारों तक बेचने का फैसला लिया गया है।
कैदियों को बनाया जाता है हुनमंद
भोपाल जेल में कैदियों को पिछले कई साल से हुनरमंद बनाया जा रहा है। उनकी रुचि के अनुसार उन्हें ऐसे काम धंधे सिखाए जा रहे हैं ताकि आगे काम आएं. वो मूर्ति, चादर, पेंटिंग, कपड़े, साड़ी,फ र्नीचर समेत कई दूसरा सामान बनाते हैं। उनके बनाए सामानों को बाजारों में बेचकर रिस्पांस चेक किया जा चुका है। लोग कैदियों के बनाए सामानों को पसंद करने के साथ खरीद भी रहे हैं।
इनका कहना है
कैदियों द्वारा बनाई दरी और पूजा असन बाजरों में पसंद की जाती रही है। डीबी मॉल, भोपाल हॉट और कोर्ट में लगे मेले में सर्वाधिक बिक्री भी इन दो सामानों की, की गई थी। लंबे समय से जेलों के अपग्रेडेशन की बात चल रही थी। पिछले साल ही जेल विभाग ने अपनी सहमति भी दी है। इसलिए बजट बढ़ा दिया गया है। कैदियों के प्रोडक्ट अब सरकारी संस्थाओं में नहीं बल्कि प्राइवेट संस्थाओं में भी बेचे जा रहे हैं।
दिनेश नरगावे, जेल अधीक्षक
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