भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 के विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं को एकजुट रखने की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राजनीतिक मामलों में सलाह देने के लिए पार्टी की एक समिति बना दी है। इसमें सभी असंतुष्ट नेताओं को जगह देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की गयी है। समिति में कुल 20 नेताओं को शामिल किया गया है। जबकि स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल और विवेक तन्खा को जगह दी गयी है। अगले विधानसभा चुनाव के लिए फ्री हैंड मिलते ही पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने काम शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआथ एक तीर से सारे अंतुष्ट नेताओं को साधकर की है। राजनीतिक मामलों में सलाह देने के लिए कमलनाथ ने नयी समिति बनायी है।
कमेटी में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, गोविंद सिंह, आरिफ अकील, सज्जन वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, एनपी प्रजापति, बाला बच्चन, रामनिवास रावत, ओमकार मरकाम, जीतू पटवारी, लखन घनघोरिया, चंद्र प्रभाष शेखर, प्रकाश जैन, अशोक सिंह, राजीव सिंह के अलावा विशेष रुप से स्थायी आमंत्रित सदस्य राजमणि पटेल और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को शामिल किया गया है। कमेटी के अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ होंगे। प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इस कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े राजनीतिक मामलों को लेकर निर्णय लेगी। समिति 2023 के चुनाव से पहले पार्टी को राजनीतिक मामलों में सुझाव देगी। समिति के सुझाव पर पार्टी के कार्यक्रम तय किए जाएंगे। ये समिति बीजेपी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी अपने सुझाव देगी।
अंतुष्टों की भूमिका तय
कुल मिलाकर कमलनाथ ने पार्टी में हाशिए पर जा रहे हैं नेताओं को खुश करने का प्रयास किया है। उनके अनुभव काम आएंगे। 2023 के चुनाव में उनकी भूमिका को भी तय कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा 2023 के चुनाव को लेकर समिति का गठन किया गया है। यह समिति हर तरह के राजनीतिक मामलों को लेकर सुझाव देगी और उस पर पार्टी फैसला लेगी।
कमलनाथ का साफ संदेश
कमलनाथ पार्टी के क्राइसिस मैनेजर हैं। चुनाव नजदीक आने से पहले वो पार्टी के सभी धड़ों को एकजुट करने में जुट गए हैं। समिति गठन से पहले कमलनाथ ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्रियों को डिनर दिया था। उसमें सभी नेताओं ने एक राय से 2023 का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लडऩे पर अपनी सहमति दे दी थी। साथ ही कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद का केंडिडेट घोषित करने पर भी अपनी सहमति जताई थी। उसके बाद कमलनाथ ने राजनीतिक मामलों की समिति का गठन कर सभी को खुश करने की कोशिश की है। मतलब और संदेश साफ है कि अगर 2018 की तरह फिर चुनाव जीतक सत्ता में आना है तो एकजुट होना ही पड़ेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved