नई दिल्ली । भारत चीन (India-China) में बॉर्डर विवाद के बीच (Amid Border Dispute) एक रिपोर्ट में दावा (Claim in Report) किया गया है कि चीनी सरकार (China Govt.) की तरफ से प्रायोजित हैकर्स (Hackers) ने लद्दाख के पास पावर ग्रिड (Power Grid near Ladakh) पर सायबर अटैक (Cyber Attack) कर निशाना बनाया (Targeted) है। बता दें कि यह दावा ख़ुफ़िया फर्म (Intelligence Firm) रेकॉर्डेड फ्यूचर (Recorded Future) इंक ने एक रिपोर्ट में किया है। रेकॉर्डेड फ्यूचर का कहना है कि साइबर जासूसी अभियान के तहत चीनी हैकर्स ने ऐसा किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके जरिए भारत के कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को निशाना बनाया गया था। ये केंद्र लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा के पास स्थित क्षेत्रों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली के संचार के लिए रियल टाइमिंग का संचालन करते हैं। इसमें से एक लोड डिस्पैच सेंटर को पहले दूसरे हैकर ग्रुप रेड इको ने भी टारगेट बनाया था।
रेकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट में दावा किया गया है, “चीनी राज्य से जुड़े इन हैकर्स समूहों द्वारा भारतीय पावर ग्रिड संपत्तियों को लंबे समय तक निशाना बनाने से सीमित आर्थिक जासूसी या पारंपरिक खुफिया जानकारी जुटाने के मौके मिलते हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक इसका मकसद भविष्य में होने वाली गतिविधियों से जुड़ी जानकारी एकत्र कर पूर्व स्थिति को मजबूत करना है।
दावे में कहा गया है कि इस तरह के हमले पिछले साल अगस्त से मार्च के बीच हुए थे। रिपोर्ट में कहा गया कि इसका मकसद मुमकिन है कि भारतीय लोड डिस्पैच सेंटर्स को निशाना बनाकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास की जानकारी जुटाई गई। या संभव है भविष्य में कहां क्या योजनाएं बनाई जा रही हैं, इसकी जानकारी जुटाई होगी। बता दें कि इसके जरिए दुनिया भर में फैले चीनी राज्य-प्रायोजित कमांड और कंट्रोल सर्वर को डेटा भेजा गया।
रेकॉर्डेड फ्यूचर का दावा है कि हैकिंग समूह द्वारा TAG-38 नाम का शैडोपैड नामक एक मेलवेयर सॉफ़्टवेयर का प्रयोग में लाया गया। जिसका इस्तेमाल पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने किया था।रेकॉर्डेड फ्यूचर के एक वरिष्ठ प्रबंधक जोनाथन कोंड्रा ने कहा कि हमलावर जिस तरह से घुसपैठ करने के लिए उपकरणों, कैमरों और इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे वो असामान्य था। उन्होंने कहा कि घुसपैठ को शुरू करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण दक्षिण कोरिया और ताइवान में स्थित थे।
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