उज्जैन। 100 करोड़ की कान्ह डायवर्शन योजना फेल होने के बाद अब कान्ह नदी के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए अंडर ग्राउंड नहर बनाने की योजना बनाई जा रही है। इस पर 600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और दावा किया जा रहा है कि यह काम सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा हो जाएगा। इसके लिए कल बैठक रखी गई थी। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 के दौरान इंदौर की दूषित कान्ह नदी का पानी त्रिवेणी के आगे शिप्रा नदी में सीधे मिलता है। इसे रोकने के लिए 100 करोड़ की कान्ह डायवर्शन योजना का काम पूरा किया गया था। त्रिवेणी से लेकर कालियादेह महल पार तक यह लाईन डाली गई थी। परंतु यह प्रोजेक्ट पूरी तरह फेल हो गया और बरसात में यह योजना विफल साबित होती है। इसे लेकर पिछले दिनों शिप्रा के दत्त अखाड़ा घाट पर संतों ने धरना दिया था। बाद में संत मुख्यमंत्री से भी मिले थे और उन्होंने नई योजना बनाकर इस समस्या के हल की बात कही थी।
कल उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने जल संसाधन विभाग की तकनीकी परीक्षण शाखा भोपाल द्वारा किए गए अध्ययन और विभाग के प्रमुख सचिव के ओपन नहर तथा अंडर ग्राउंड नहर बनाने के प्रस्ताव के फायदे-नुकसान के बारे में चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि उक्त प्रस्ताव की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये आंकी गई है। दोनों विकल्पों पर विचार के लिए बैठक में डॉ. रामेश्वरदास सहित सन्त समाज के अलावा कलेक्टर आशीष सिंह, निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि उक्त योजना को सिंहस्थ के पूर्व पूरी होनी चाहिए। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता केजी सिंह ने प्रोजेक्ट की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि गोठड़ा ग्राम के समीप कान्ह नदी पर एक स्टापडेम का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। स्टापडेम से पानी को कालियादेह महल के समीप शिप्रा नदी में जल प्रवाहित किया जाएगा। इसके लिए दो तरीके संभव है। पहला यह कि उज्जैन शहर अन्तर्गत मेला क्षेत्र के बाहर ओपन चैनल का निर्माण किया जाएगा और दूसरा यह कि शिप्रा नदी के समानांतर भूमिगत आरसीसी बॉक्स के निर्माण का प्रस्ताव है। गोठड़ा से कालियादेह महल तक साढ़े 16 किलो मीटर तक की अण्डरग्राउण्ड डक्ट का निर्माण किया जाना है। गोठड़ा ग्राम में स्टापडेम बनाकर कान्ह नदी का पानी वर्षा पश्चात पानी लगभग 40 क्यूमेक को डायवर्ट किया जा सकेगा। क्लोज होने के कारण पर्यावरण एवं सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयोगी होगी। उक्त प्रस्ताव पर बैठक में सन्त समाज ने सहमति प्रदान की।
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