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    सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने जारी की नई गाइड लाइन

  • April 06, 2022

    – सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब देश के हर जिले में बनेगी सड़क सुरक्षा समिति,  केंद्र करेगा मॉनीटरिंग

    –  30 अप्रैल तक कलेक्टर की अध्यक्षता में हर जिले में बनाना होगी समिति, हर 15 दिन में ऑनलाइन और हर माह प्रत्यक्ष मीटिंग करना होगी

    – हर माह दुर्घटनाओं की सारी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करना होगी, बड़ी दुर्घटनाओं के मामलों में फोरेंसिक जांच की व्यवस्था भी की जाएगी

    – तुरंत उपचार के लिए अस्पताल और एंबुलेंस का समन्वय भी करना होगा

    इंदौर, विकाससिंह राठौर। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों और इनमें होने वाली जान-माल की हानि को रोकने के लिए अब देश के हर जिले में एक जैसी सड़क सुरक्षा समिति बनाई जाएगी। यह समिति हर माह बैठक करने के बाद जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की सारी जानकारी एक ऑनलाइन पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध करवाएगी। साथ ही इसे केंद्र सरकार को भी भेजेगी। दुर्घटनाओं और उन्हें रोकने के लिए उठाए गए कदमों की पूरी मॉनीटरिंग केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।

    यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने देश के सभी राज्यों को जारी किया है। इसके तहत 30 अप्रैल तक ऐसी समितियां बनाकर कमेटी को रिपोर्ट भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। सड़क हादसों को रोकने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग सड़क सुरक्षा समितियां बनाई गई हैं, जो अलग तरह से काम करती हैं। इन्हें एकरूपता देने और सड़क हादसों तथा इनके बचाव को लेकर सख्त कदम उठाए जाने के लिए देश के हर जिले में एक जैसी सड़क सुरक्षा समिति होना जरूरी है, जो न सिर्फ सड़क हादसों की समीक्षा करेगी, बल्कि उन्हें रोकने के लिए भी कदम उठाएगी और इनसे राज्य तथा केंद्र को अवगत करवाएगी। हादसों से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक भी करेगी। इस पर केंद्र और राज्य स्तर पर निगरानी रखने के साथ ही जिन स्थानों पर लगातार हादसे हो रहे हैं, वहां पर इसकी रोकथाम के लिए विस्तृत योजना भी तैयार की जाएगी।

    कलेक्टर होंगे समिति के अध्यक्ष, एनजीओ भी शामिल

    समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक  तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही लोक निर्माण विभाग और राजमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। शहरी सीमाओं के लिए नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी भी समिति में शामिल रहेंगे। समिति में एनजीओ के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि कलेक्टर को हर 15 दिन में समिति की ऑनलाइन मीटिंग लेना होगी। इसके साथ ही हर माह प्रत्यक्ष मीटिंग भी लेना होगी। इस दौरान माह में जिले में हुए सभी सड़क हादसों की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। बड़े हादसों के मामलों में फोरेंसिक जांच भी भी व्यवस्था करना होगी। मीटिंग और सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ऑनलाइन सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड करने के साथ ही सड़क परिवहन मंत्रालय को भी भेजना होगी।

    हादसे रोकने के लिए ये कदम उठाना होंगे

    हादसों को रोकने के लिए समिति को ऐसे स्थान, जहां लगातार हादसे हो रहे हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित करते हुए हादसों के कारणों की समीक्षा करना होगी। साथ ही हादसों के दौरान तुरंत उपचार मिल सके, इसके लिए प्रमुख मार्गों पर एंबुलेंस की उपलब्धता और नजदीकी अस्पतालों में उपचार की उपलब्धता भी सुनिश्चित करना होगी, ताकि हादसों के मामलों में तुरंत घायलों को अस्पताल ले जाया जा सके और समय पर उपचार देकर जान बचाई जा सके।

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