निगम 25 स्थानों पर पीपीपी मॉडल के तहत बनाएगा महिलाओं के लिए शौचालय, 400 स्क्वेयर फीट जगह पर खड़े हो सकेंगे 60 दो पहिया वाहन भी
इंदौर। नगर निगम पीपीपी मॉडल (PPP Model) पर महिलाओं के लिए शी कुंज नाम से गुलाबी शौचालयों (pink toilets) का निर्माण कर रहा है। पहले चरण में चार स्थानों पर ये शौचालय बन भी गए हैं। छप्पन दुकान, विजय नगर, पलासिया और मेघदूत गार्डन (Chappan Shop, Vijay Nagar, Palasia and Meghdoot Garden) में बनाए इन शौचालयों में सेनेटरी पैड, इन्सिनरेटर के साथ डायपर और सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है, वहीं स्वचलित यांत्रिक पार्किंग सिस्टम भी बनाया जा रहा है, जिसमें 400 स्क्वेयर फीट की जगह पर 60 से लेकर 100 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इन दोनों नवाचारों के चलते निगम को स्मार्ट सिटीज इंडिया वर्ल्ड ने दो अवॉर्ड से सम्मानित करना तय किया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम कई तरह के नए प्रयोग भी कर रहा है, वहीं पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ही महिलाओं के लिए गुलाबी शौचालय और स्मार्ट पार्किंग शहर के घने और व्यस्त व्यापारिक क्षेत्रों में दोपहिया वाहनों के लिए तैयार की जा रही है, जिसके चलते अभी स्मार्ट सिटीज इंडिया वर्ल्ड-2022 में इंदौर निगम को सम्मानित किया गया है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि यह अवॉर्ड शी कुंज इनोवेटिव और टू व्हीलर मल्टीलेवल पार्किंग के लिए हासिल हुए हैं। स्मार्ट सिटी के सीईओ ऋषभ गुप्ता के मुताबिक असंगठित और अराजक दोपहिया पार्किंग समस्याओं के लिए यह सफल समाधान खोजा गया है। एबीडी परियोजनाओं में भीड़ भरे बाजार, संकरी गलियों में पार्किंग समस्या 70 फीसदी से अधिक है। पहले यहां पर आरसीसी पार्किंग का निर्माण एक हजार वर्गफीट या सड़क किनारे छुटी जमीन पर नहीं कर सकते थे। मगर अब ऑटोमैटिक यानी स्वचलित पार्किंग के साथ कम से कम जमीन पर अधिकतम पार्किंग हासिल की जा सकती है। हमने पायलट प्रोजेक्ट में दो पार्किंग मॉडल बनाए। एक सेंट्रलाइज मैकेनिकल पार्किंग, जहां 1200 स्क्वेयर फीट में 250 वाहन पार्क किए जा सकते हैं, वहीं सड़क किनारे यांत्रिक पार्किंग, जिसमें 400 स्क्वेयर फीट में 60 या उससे अधिक वाहनों को पार्क किया जा सकता है। इसके संचालन में पार्किंग ईसीओ सिस्टम भी लागू किया जा रहा है, जिसमें रियल टाइम क्षमता की स्थिति और मोबाइल एप्लिकेशन में स्थान – क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं भी प्रदर्शित होगा। हम भूतल पार्किंग या पारम्परिक कंस्ट्रक्शन पार्किंग की तुलना में उसी जमीन का पांच गुना उपयोग करने में सक्षम हैं। वहीं श्री गुप्ता के मुताबिक शी कुंज यानी गुलाबी शौचालयों की अवधारणा भी पीपीपी मॉडल पर तैयार की गई है। अभी 25 स्थानों पर ये शौचालय बनेंगे, जिसमें से चार जगह चल भी रहे हैं। यह पूरी तरह से नि:शुल्क रहेंगे और 15 साल की लाइसेंस अवधि पर ठेके पर दिए गए हैं।
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