भोपाल। मिशन 2023 की तैयारी में जुटी भाजपा ने अब बूथ को मजबूत करने के लिए एक नया प्लान बनाया है। इस प्लान के लिए भाजपा ने त्रिदेव तैयार किए हैं। इन त्रिदेव के सहारे भाजपा न केवल अपना 10 प्रतिशत वोट प्रतिशत बढ़ाने का गेम खेल रही है बल्कि सरकार की योजनाओं का लाभ पा रहे लोगों के वोट अपने खाते में शिफ्ट करने का भी प्लान है। पार्टी के आगामी कार्यक्रम को जमीन तक ले जाना भी इन त्रिदेव के जिम्मे होगा। त्रिदेव के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी भाजपा में शुरू होने जा रहे हैं। प्रशिक्षण कैसे और कब होगा इसकी रूपरेखा हाल ही में 31 मार्च को हुई भाजपा की बड़ी बैठक में बना ली गई है। 2023 से पहले बूथ को मजबूत करने के लिए भाजपा ने त्रिदेव बनाए हैं। इन त्रिदेव में बूथ अध्यक्ष, बूथ महामंत्री और बीएलए शामिल किए गए हैं। प्रदेश भर में बूथों की संख्या 64634 है। भाजपा ने करीब 92 प्रतिशत तक त्रिदेव बनाने का टारगेट पूरा कर लिया है। त्रिदेव को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनर्स का प्रशिक्षण 23 और 24 अप्रैल को जिला स्तर पर किया जाना तय है। त्रिदेव के जिला प्रभारी उन्हें प्रशिक्षण देंगे। जो त्रिदेव बनाए गए हैं उनका प्रशिक्षण 30 अप्रैल और एक मई को मंडल स्तर पर किया जाएगा।
क्या होगा त्रिदेव का काम
त्रिदेव का काम मूल रूप से भाजपा के लिए बूथ स्तर तक जमीन मजबूत करना है। यह न केवल सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों को वोटर में तब्दील करने का काम करेंगे बल्कि पार्टी की ओर से तय किए गए कार्यक्रमों को जमीन स्तर तक ले जाने का जिम्मा भी त्रिदेव को दिया गया है। यह त्रिदेव एक और खास काम करेंगे जिसे भाजपा ने ए, बी और सी कैटेगरी में बांटा है। ए कैटेगरी में भाजपा के वह बूथ हैं जो बेहतर स्थिति में हैं। बी वाले बूथ वह हैं जो थोड़ा कम मुश्किल वाले हैं। जबकि सी कैटेगरी में कमजोर बूथ को रखा गया है। त्रिदेव का काम सी कैटेगरी के बूथ को ए कैटेगरी में लाना भी होगा।
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