नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज (Saradha Group of Companies) में चल रही जांच में 35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त (Rs.35 crore Additional) चल और अचल संपत्तियां (Movable and Immovable Properties) कुर्क की हैं (Attaches) ।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियां विष्णुपुर में वाहन, भवन, फ्लैट और बंगले, दक्षिण 24 परगना, नदिया, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में जमीन के प्लॉट के रूप में हैं। अधिकारी ने कहा, “ये संपत्तियां या तो शारदा ग्रुप के स्वामित्व में थीं या अपराध की आय ऐसी संपत्तियों में निवेश की गई थी (शारदा ग्रुप ने विक्रेताओं को पूर्ण अग्रिम भुगतान किया था)।” शारदा ग्रुप ने 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा राज्यों में फैले ऑपरेशन के साथ चिटफंड घोटाला किया।
ईडी अधिकारी ने कहा, “कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल धन की मात्रा लगभग 2,459 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 1,983 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को अब तक (ब्याज राशि को छोड़कर) नहीं चुकाए गए हैं।”
ईडी ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर 2013 में शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पहले ईडी ने 7 आदेश जारी किए थे जिनकी पुष्टि पीएमएलए के तहत निर्णायक प्राधिकारी ने की।
ईडी अधिकारी ने कहा, “अपराध की उक्त आय को जब्त करने के अलावा धन शोधन के अपराध में शामिल व्यक्तियों को सजा देने की गुहार की गई है।” अधिकारी ने कहा कि 2016 में उन्होंने पहली अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की और बाद में 2021 में एक पूरक अभियोजन शिकायत भी दर्ज की गई।
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