कीव । इकतालीस दिन से रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति जेलेंस्की (President Zelensky) मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में नागरिकों की हत्या की खुली जांच कराना कीव के हित में है। उन्होंने कहा कि बूचा को रशियन सेना के कब्जे से वापस लेने के बाद वहां सामूहिक कब्रें और शव मिले हैं। कम से कम 300 नागरिक मारे गए हैं। आशंका है बोरोडंका और अन्य शहरों में हताहतों की संख्या और अधिक हो सकती है।
जेलेंस्की ने देररात अपने वीडियो संबोधन में कहा, “मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हम सबसे पूर्ण, पारदर्शी जांच में रुचि रखते हैं, जिसके परिणाम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ज्ञात और समझाए जाएंगे।” इस बीच राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि यूक्रेन यूरोप का एक पूर्ण हिस्सा है और प्रभावी यूरोपीय सुरक्षा प्रणाली के केंद्र में होने का हकदार है।
राष्ट्रपति कार्यालय प्रमुख यरमक ने कहा है कि 14 साल पहले बुखारेस्ट के नाटो शिखर सम्मेलन में ” बड़ी ऐतिहासिक गलती” की गई थी, जब “विशिष्ट सहयोगी देशों और विशिष्ट नेताओं ने रूस के साथ एक खेल शुरू किया था।” उन्होंने कहा कि “तब एक ऐतिहासिक निर्णय लेना संभव था जो इस जघन्य युद्ध को रोक सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को 40 दिन बीत चुके हैं। रूस ने अब यूक्रेन के डोनाबास को अपना निशाना बनाना शुरू किया है। रूस की मिसाइलें यहां लगातार गरज रही हैं। कीव के बाहरी इलाके से रूसी सैनिकों के हटने के बाद सड़कों पर लहूलुहान शव मिलने और जल्दबाजी में खोदी गई कब्रों में शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों की मांग तेज हो गई है।
रूस को वैश्विक स्तर पर निंदा और युद्ध अपराधों के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें रूस से ईंधन आयात में कटौती की मांग भी शामिल है। यूरोपीय नेताओं और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने रक्तपात की निंदा की। इनमें से कुछ ने इसे नरसंहार भी कहा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधों के मुकदमे का सामना करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय से रूस का निलंबन चाहता है।
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