इंदौर। आखिरकार इंदौर जिले (Indore District) की 64 समूहों की सभी 175 देसी-विदेशी शराब दुकानों की नीलामी हो गई। बचे दो समूहों की नीलामी भी शनिवार को निपटी और आबकारी विभाग (Excise Department) ने राहत की सांस ली। गत वर्ष की तुलना में 144 करोड़ का राजस्व अधिक मिला है और इस वर्ष के तय लक्ष्य से हालांकि 72 करोड़ घट भी गए।
इस बार बड़े ठेकेदारों की मोनोपॉली (monopoly) तोडऩे के लिए छोटे ठेकेदारों को प्रमोट करने के लिए नई आबकारी नीति में कई संशोधन किए और देसी शराब दुकान पर विदेशी बेचने की अनुमति भी दी गई और 15 से 20 फीसदी शराब की कीमतें भी घट गई हैं। इंदौर के सहायक आयुक्त आबकारी राजनारायण सोनी के मुताबिक 175 देसी-विदेशी दुकानों के लिए कुल 64 समूह बनाए गए थे और इन सभी की नीलामी प्रक्रिया शनिवार शाम सम्पन्न हो गई।
हालांकि इन दुकानों के लिए 1349 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन उसकी तुलना में 1277 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होगा। 72 करोड़ रुपए लक्ष्य की तुलना में भले ही कम मिले, लेकिन गत वर्ष की तुलना में साढ़े 12 फीसदी की बढ़ोतरी राजस्व आय में हो गई है और लगभग 144 करोड़ रुपए ज्यादा में ये शराब दुकानें नीलाम हो गईं। गत वर्ष विभाग को इन दुकानों से 1133 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ था, जो कि इस बार बढक़र 1277 करोड़ रुपए हो गया है। कलेक्टर मनीष सिंह के मार्गदर्शन में इंदौर जिले का आबकारी ठेका अंतत: नीलाम हो गया।
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