भोपाल। प्रदेश के सहकारी बैंक और समितियां अब किसानों से मनमाना ब्याज नहीं वसूल पाएंगे। फसल ऋण समय पर चुकता नहीं करने पर सहकारी समितियां अभी तक किसानों से 4 फीसदी तक दंड ब्याज वसूलती आ रही हैं। अब दो प्रतिशत से ज्यादा दंड ब्याज नहीं वसूला जाएगा। अब सरकार किसान के ऊपर से ब्याज के भार को उतारने के लिए एकमुश्त समझौता योजना ला रही है।
प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से सरकार किसानों को ब्याज रहित खरीफ और रबी फसलों के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। खरीफ फसलों के लिए 28 मार्च और रबी फसल के अल्पावधि ऋण को 15 जून तक चुकाना होता है। जो किसान इस अवधि में ऋण नहीं चुकाते हैं, उनसे समितियां दंड ब्याज वसूलती हैं। वित्त विभाग ने ब्याज रहित ऋण देने में बैंक को जो लागत आती है, उस आधार दर को दस प्रतिशत तय किया है।
उधार लेकर दिया जाता है किसानों को कर्ज
अपेक्स बैंक किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए नाबार्ड से ऋण लेकर और अपनी पूंजी से जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को राशि उपलब्ध कराता है। यह राशि समितियां किसानों को देती हैं और समय पर अदायगी से फिर ऋण मिल जाता है। यह चक्र चलता रहता है, लेकिन डिफाल्टर किसान को यह सुविधा नहीं मिलती है। उसे आधार दर के साथ-साथ दंड ब्याज भी देना होता है।
डिफाल्टर किसानों को मिलेगी ब्याज माफी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समय पर ऋण चुकाने की वजह से डिफाल्टर हुए किसानों को ब्याज माफी देने की घोषणा की है। इसका फायदा लगभग 15 लाख किसानों को मिलेगा। इनके ऊपर पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण का है। इसके लिए विभाग एकमुश्त समझौता योजना तैयार कर रहा है।
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