नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की अपकमिंग यूनिट के निर्माण में देरी हो सकती है. पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा सदस्य अबीर रंजन बिस्वास के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “यूक्रेन और रूस से आयात किए जाने वाले कंपोनेंट्स एंड एक्विपमेंट्स में लॉजिस्टिक और समुद्री माल ढुलाई की समस्याओं के कारण ये देरी हो सकती है.”
रूस के सहयोग से शुरू हो रहा प्रोजेक्ट
बता दें कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (KKNPP) रूस के सहयोग से शुरू की जा रही है, जो 1,000 मेगावाट VVER प्रकार के परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति कर रही है. 1,000 मेगावाट की दो यूनिट पहले से ही चालू हैं, जबकि यूनिट 3- 4 और 5-6 वर्तमान में निर्माणाधीन हैं.
2013 में शुरू हो चुका KKNPP-1 का परिचालन
सिंह ने कहा, “केकेएनपीपी 3 और 4 और केकेएनपीपी 5 और 6 ने फरवरी 2022 तक क्रमशः 58.22 प्रतिशत और 8.12 प्रतिशत की ओवरऑल फिजिकल प्रोग्रेस हासिल की है.” रूसी राज्य के स्वामित्व वाली रोसाटॉम कंपनी कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है. KKNPP-1 ने 2013 में परिचालन शुरू किया, जबकि इसकी यूनिट 2 ने 2016 में बिजली उत्पादन शुरू किया.
मंत्री ने कहा, “इस परियोजना के पूरा होने का कार्यक्रम प्रभावित होने की संभावना है. साथ ही इस प्रभाव की सटीक समय सीमा का आकलन करना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी भी लगातार बदल रही है.”
भारत पहुंचे रूस के विदेश मंत्री
गौरतलब है कि इधर एक दिन पहले ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नई दिल्ली पहुंचे हैं. रूस के विदेश मंत्री का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन में रूस का हमला जारी है. लावरोव के इस दौरे पर पूरे विश्व की निगाहें टीकी हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले चीन के विदेश मंत्री ने भी भारत का दौरा किया था. लावरोव की यात्रा के दौरान भारत द्वारा रूस से तेल और सैन्य उपकरण की खरीद के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा होने की उम्मीद है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved