भोपाल। व्यापमं परीक्षा का पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम द्वारा दर्ज कराई एफआईआर मामले में मप्र हाईकोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश में कहा है कि 4 अप्रैल तक याचिकाकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होना है। जिसमें शासन की ओर से मरकाम द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर मामले में पक्ष रखना है। 26 मार्च को सोशल मीडिया पर शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। लक्ष्मण सिंह के नाम से मोबाइल के 36 स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे। कांग्रेस नेता केके मिश्रा एवं व्हिसिल व्लोअर डॉ आनंद राय ने मुख्यमंत्री के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर पेपर लीक करने के आरोप लगाए थे। इस मामले में मरकाम ने पेपर लीक से उनका नाम जोडऩे के आरोप लगाने वालों पर भोपाल में एसटी-एससी एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कराया था। इस मामले में डॉ आनंद राय की ओर से हाईकोर्ट में एफआईआर को चुनौती देने की याचिका दायर की गई। कोर्ट में डॉ राय की ओर से अधिवक्ता कपिल सिबल, विवेक तन्खा ने पक्ष रखा और एफआईआर मामले में किसी तरह की कार्रवाईपर रोक लगाने की मांग की। जिस पर कोर्ट ने 4 अप्रैल तक रोक लगा दी है।
लक्ष्मण मरकाम के खिलाफ लोकायुक्त जाएंगे डॉ राय
डॉ आनंद राय मुख्यमंत्री के उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम के खिलाफ अब पद का दुरुपयोग करने के मामले में लोकायुक्त जाने की तैयारी में है। डॉ राय ने कहा कि मरकाम ने मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव रहते अपने पद का दुरुपयोग कर पुलिस पर दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में उन्होंने केस दर्ज कराया है, उसमें एसटी-एससी एक्ट का मामला नहीं बनता है। क्योंकि न तो मरकाम से बात हुई और न ही कोई जातिसूचक गालियां दी। डॉ राय ने बताया कि पेपर लीक का मामला मप्र सरकार की एजेंसी मैप आईटी की जांच में सही साबित हो चुका है। यही वजह है कि सरकार की ओर से हाईकोर्ट में भी एफआईआर मामले में जवाब देने के लिए समय मांगा गया है।
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