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    रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी: कैट

  • April 02, 2022

    नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) के बीच दुनिया के अनेक देशों द्वारा रूस पर लागू प्रतिबंधों के कारण वहां भारतीय सामानों की मांग (demand for indian goods) तेजी से बढ़ी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

    कैट के अनुसार रूस के अनेक व्यापारिक संस्थानों ने भारतीय सामान के लिए उनसे संपर्क किया है। भारत के व्यापारी भी रूस को भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के लिए इच्छुक हैं। दरअसल, अबतक रूस को बड़ी मात्रा में जरूरी सामानों की आपूर्ति अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों से की जा रही थी। रूस पर लागू प्रतिबंधों की वजह से अब ये देश रूस को सामानों की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। ऐसे में भारत के लिए अपने उत्पादों का रूस में बाजार बनाने का ये बड़ा अवसर भी है।


    कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि पहले चरण में रूस को फ्रूट जैम-जेली, कॉर्नफ़्लेक्स, मूसली, चाय, कॉफ़ी पाउडर, चीनी, नमक, काली मिर्च के पाउडर, मिल्क पाउडर, फल, सब्जी, चीज़, पास्ता का सामान, मक्खन, फ्रूट ड्रिंक, सूप का सामान, मसाले, शहद, बिस्कुट, अचार, फ्रोज़न स्नैक्स, खाद्यान, केचप, ओट, रेडीमेड खाना, ब्रेड, चावल, बीन्स, कॉर्नफ्लोर पाउडर, सूप स्टिक्स और आलू के चिप्स आदि सामान की विभिन्न पैकिंग में तुरंत जरूरत है।

    खंडेलवाल के अनुसार अप्रैल, 2020 से मार्च 2021 में भारत और रूस के बीच कुल 8.1 बिलयन डॉलर का व्यापार हुआ। इसमें भारत से रूस को निर्यात 2.6 बिलियन डॉलर का था, जबकि रूस से भारत में आयात 5.48 बिलियन डॉलर का था। ऐसे में मौजूदा हालात में हम भारत से रूस को किए जाने वाले निर्यात का आंकड़ा बढ़ा सकते हैं। रूस ने अपने कुछ गिने-चुने बैंकों को रूस में आयात होने वाले सामान के लिए डॉलर की जगह रूबल से भुगतान की बात कही है। यह भारतीय उत्पादों के लिए रूस के बाजार में अपनी पैठ जमाने का बढ़िया अवसर है।

    उन्होंने कहा कि इस मामले में कैट भारतीय निर्माताओं एवं व्यापारियों और रूस के व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम करेगा। रूस और भारत ने स्विफ्ट जैसे एक पेमेंट प्लेटफार्म पर अपना कार्यक्रम पूरा कर लिया है। यह नया पेमेंट सिस्टम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और रूस के वीईबी जो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन है, उसके मुख्यालय पर स्थापित होगा। ये पेमेंट सिस्टम का अगले कुछ दिनों में शुरू होने की संभावना है, जिससे आयात और निर्यात के दस्तावेजों का रुपये और रूबल में निस्तारण हो सकेगा।

    खंडेलवाल ने कहा कि इससे उत्साहित होकर कैट ने देश के सभी राज्यों के चैप्टर को रूस से प्राप्त इस पहली सूची पर काम करने का आग्रह किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय निर्माता और व्यापारी इसका लाभ उठाकर अपने उत्पाद निर्यात कर सकें। इसके साथ ही कैट ने रूस में अपने संपर्क सूत्रों से अन्य भारतीय उत्पाद जैसे फुटवियर, खिलौने, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, अन्य खाद्यान्न उत्पाद, हार्डवेयर एवं स्टेशनरी, कंप्यूटर और कंप्यूटर का सामान, चश्मे, साइकिल और साइकिल पार्ट्स, ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पादों की मांग के बारे में जानकारी मांगी है। (एजेंसी, हि.स.)

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