भोपाल: आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) ने जल संसाधन विभाग के 3 अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) का मामला दर्ज किया है. 7 बांध और नहर परियोजनाओं (projects) के काम में यह भ्रष्टाचार हुआ और इन परियोजनाओं को कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के कार्यकाल में मंजूरी मिली थी. यही वजह है कि अब भाजपा सरकार (BJP government) ने इस मुद्दे पर कमलनाथ को निशाने पर ले लिया है. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि “कमलनाथ सरकार ने नहरों में पानी की जगह पैसा बहाया. कमलनाथ जी की सरकार ने भ्रष्टाचार किया और नहरों में पानी की जगह पैसा बहाया. ठेकेदारों को 877 करोड़ रुपए का भुगतान बिना काम के ही कर दिया गया. गृहमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा.”
साल 2019 में बैतूल, दमोह, सागर और सिंगरौली में बांध और नहर बनाने की 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी. उस वक्त राज्य में कमलनाथ सरकार सत्ता में थी. इन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की शिकायत सरकार को मिली तो साल 2021 में इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपी गई. जांच के बाद अब गुरुवार को ईओडब्लू ने जल संसाधन विभाग के 3 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
जांच में खुलासा हुआ कि 3300 करोड़ रुपए की इन परियोजनाओं में काम शुरू होने से पहले ही ठेकेदारों को 877 करोड़ रुपए की एडवांस पेमेंट कर दी गई थी. इस मामले में जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख इंजीनियर राजीव सुकलीकर, अधीक्षण यंत्री शरद श्रीवास्तव और मुख्य अभियंता शिरीष मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. ईओडब्लू ने इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
बता दें कि जिन परियोजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ, उनमें निरगुढ़ बांध एवं पाइप नहर योजना, बैतूल, घोघरी बांध एवं पाइप नहर योजना बैतूल, वर्धा बांध एवं पाइप नहर योजना बैतूल, सीतानगर बांध एवं पाइप नगर योजना दमोह, हनोता बांध एवं पाइप नहर योजना, सागर, बंडा बांध एवं पाइप नहर योजना, सागर और गौंड बांध एवं पाइप नहर योजना, सिंगरौली शामिल हैं.
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