नयी दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को निर्देश दिया (Instructed) कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर (Outside CM Arvind Kejriwal residence) हंगामे (Uproar) को लेकर स्थिति रिपोर्ट (Status Report) पेश करे (To Submit)।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ ने मामले की जांच विशेष जांच टीम से कराने की आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुये कहा कि दिल्ली पुलिस सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट पेश करे।
खंडपीठ ने सीसीटीवी फुटेज में कैद घटना के वीडियो को अदालत में देखा। खंडपीठ ने कहा कि हंगामा कर रही भीड़ अनियंत्रित थी। उन्होंने बैरियर तोड़ दिया और कुछ ने तो गेट पर भी चढ़ने की कोशिश की। उन्होंने कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश की।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना के संबंध में जारी नोटिस का कड़ा विरोध किया और खंडपीठ को बताया कि अब तक उन्होंने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच अभी जारी है।दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया कि पुलिस मुख्य मंत्री के सचिव से मामले के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत के लिये मिल रही है। पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने बताया कि घटना के 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने और गिरफ्तारियां किये जाने के बावजूद याचिकाकर्ता ने अदालत में गुहार लगा दी। उन्होंने कहा कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि केजरीवाल के आवास के बाहर हंगामा करने के कारण करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया गया था। विधानसभा में कुछ दिनों पहले कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर दिये गये अरविंद केजरीवाल के बयान के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चे की अगुवाई में केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा था।
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