पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शराबबन्दी को लेकर एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान दिया है. बुधवार को विधानसभा में लाया गया शराबबंदी संशोधन विधेयक पारित हो गया जिसमें पहली बार शराब पीने पर किसी को पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छोड़ा जा सकता है. विधान सभा में शराबबन्दी (Bihar Liquor Ban) पर लाये गए संशोधन विधेयक पर जहां खूब हंगामा हुआ तो वहीं विधान परिषद के भीतर शराबबन्दी पर चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार खड़े हुए और बड़ी बात कह डाली.
नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग शराब का सेवन करते हैं और बापू की भावनाओं को नहीं मानते, उनको मैं हिंदुस्तानी मानता ही नहीं हूं. नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा करने वाले व्यक्ति महाअयोग्य और महापापी भी हैं. शराब का सेवन कहीं से अच्छा नहीं है. जो लोग यह तर्क देते हैं कि शराबबन्दी होने से राजस्व का नुकसान हो रहा है वो गलत है. सीएम ने कहा कि पहले जब बिहार में शराब की बिक्री होती थी तो 5 हजार करोड़ रु राजस्व आता था पर शराबबंदी होने के बाद लोगों को बहुत फायदा पंहुचा है.
शराबबंदी से बढ़ गई सब्जी की खपत
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अब लोग जो पैसा शराब पीने में ख़र्च करते थे वो अब सब्जी खरीदने में खर्च करते हैं. नीतीश कुमार ने विधान परिषद में कहा कि शराबबन्दी के बाद सब्जी की बिक्री बढ़ गई है अब लोग सब्जी घर लेकर आते हैं, स्वस्थ्य हैं. नीतीश कुमार द्वारा शराब पीने वाले और बापू की विचारधारा को नहीं मानने वाले को हिंदुस्तानी नहीं मानने और महापापी कहे जाने पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने तंज कसा है.
राजद का तंज
शिवानंद तिवारी ने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार अपने उन सहयोगियों को ही पापी और अयोग्य करार दे रहे हैं जिनके साथ पिछले कई साल से वो शासन चला रहे हैं. नीतीश कुमार हाल ही में यूपी सरकार के उस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर लौटे हैं जहां शराब पीना अपराध नहीं है. इसके साथ नीतीश कुमार उनके साथ शासन चला रहे हैं. जो गांधी के हत्या करने वालों को सच्चा देशभक्त मानते हैं.
शराबबन्दी कानून में हुए कई बड़े संशोधन
शराबबन्दी के 6 साल के बाद नीतीश सरकार ने कानून में कई बड़े संशोधन किए हैं. नये संशोधन के मुताबिक अब कोई भी आरोपी सिर्फ जुर्माना देकर छूट सकता है. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है. व्यक्ति द्वारा बार-बार शराब पीने के जुर्म में पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकता है. नये संशोधन के मुताबिक आरोपी को नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. आने वाले दिनों में जुर्माने की राशि सरकार तय करेगी.
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