दो साल का सफल कार्यकाल पूरा करने वाले कलेक्टर मनीष सिंह का दावा – स्वच्छता का लाभ भी जमकर मिला
इंदौर। 28 मार्च 2020 को जब देश, दुनिया और इंदौर में कोरोना की दहशत व्याप्त थी तब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कलेक्टर के रूप में मनीष सिंह (Manish Singh) को भेजा और आते ही कोरोना के योद्धा के रूप में उन्होंने मोर्चा संभाला। बंद पड़े अस्पताल (Hospital) खुलवाए और उसके बाद दो साल तक कोरोना से जंग लड़कर शहर को लगभग उससे मुक्ति भी दिलवाई। वहीं हर तरह के माफिया ( Mafia) को कड़ा सबक सिखाने के साथ-साथ आम जनता से जुड़े कार्यों को भी प्राथमिकता दी। यही कारण है कि दो साल पूरा होने पर मनीष सिंह (Manish Singh) को सोशल मीडिया (Social Media) पर भी जमकर प्रशंसा और बधाइयां मिल रही है। उनका कहना है कि इंदौर देश का सबसे तेज विकसित शहर अगले चंद वर्षों में बन जाएगा। अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook), फ्लिपकार्ड (Flipkart) जैसी विश्व की बड़ी कम्पनियां (Companies) इंदौर में अपने दफ्तर खोलने जा रही है, तो ऑटो मोबाइल (Auto Mobile), फार्मा, आईटी (IT) में भी बड़ी संभावनाएं हैं।
प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर (Industrial Capital Indore) की कलेक्ट्री भी कम आसान नहीं है। मगर मनीष सिंह (Manish Singh) ने जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जनता का भी भरोसा कायम किया और अपने अधिनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को भी झोंक दिया। सुबह से रात तक भिड़े रहने वाले कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने दो साल का कार्यकाल कल पूरा कर लिया और सोशल मीडिया पर बधाई और उनकी प्रशंसा के अनगिनत संदेश दिनभर जारी होते रहे। श्री सिंह का कहना है कि 5 बार इंदौर स्वच्छता में नम्बर वन आया और अब वह उसकी यूएसपी भी बन गई है, जिसके चलते देश और दुनिया की बड़ी-बड़ी कम्पनियां अब इंदौर में अपना कारोबार शुरू करना चाहती है। आईटी, मैन्यूफेक्चरिंग, फार्मा, ऑटो मोबाइळ की बड़ी कम्पनियां इंदौर आ रही है और यहां तक कि अमेजन, फ्लिपकार्ड जैसी विश्व की 22 कम्पनियों ने भी इंदौर में अपना कारोबार शुरू करने में रुचि दिखाई है। डाटा सेंटर से लेकर अन्य गतिविधियां ये कम्पनियां शुरू कर रही है, जिसके चलते अगले चंद वर्षों में इंदौर देश का सबसे तेज विकसित शहर बन जाएगा। स्वच्छता के बाद अब वॉटर प्लस में हमने जल को साफ किया और अब हवा को स्वच्छ करने में जुटे हैं। शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन बढ़ाया जा रहा है। जल्द ही मेट्रो की एक लाइन का काम भी पूरा हो जाएगा और जिससे अन्य आठ लाइन डालने में भी आसानी रहेगी। एक हजार से अधिक सिटी बसें शहर में दौड़ने लगेंगी और स्टार्टअप में भी काफी संभावनाएं हैं। सुपर कॉरिडोर से लेकर बायपास और चारों तरफ नई टाउनशिप विकसित हो रही है। सड़कों, ओवरब्रिजों के निर्माण के साथ-साथ एयरपोर्ट से एबी रोड को जोड़ने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर से भी इंदौर को बहुत लाभ मिलने वाला है। इंदौर विकास प्राधिकरण, नगर निगम से लेकर सभी विभागों के बीच सामंजस्य भी बेहतर है और ऑपरेशन माफिया के तहत भी जो कार्रवाई की गई उससे आम जनता को काफी लाभ मिला और सैंकड़ों भूखंड पीड़ितों को वर्षों बाद अपनेे भूखंड मिल सके, जिन पर उन्होंने आशियाने बनाने भी शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सपनों के शहर इंदौर का तेज गति से चहुंओर विकास जारी है और खुद कलेक्टर मनीष सिंह भी अब इंदौर को मुंबई, बैंगलुरु, पुणे की तर्ज पर आधुनिक महानगर की तरह विकसित देखना चाहते हैं।
जोगी के बाद दूसरे ऐसे कलेक्टर जिन्हें इतना अपनापन मिला
इंदौर में सन् 1980 से 1985 तक 5 साल कलेक्टर रहे अजीत जोगी (Ajit Jogi) के बाद लगभग 20 कलेक्टर इंदौर आ चुके होंगे, लेकिन किसी को भी इंदौर के लोगों से इतना अपनापन नहीं मिला, जो वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) को मिल रहा है। इसका कारण यह है कि मनीष सिंह ने इंदौर में विभिन्न पदों पर रहकर लोगों को समझा, उनकी जरूरतों को परखा, शहर के विकास का नजरिया बनाया और मुख्यमंत्री का विश्वास पाते ही अपने सारे अनुभवों को आजमाया। वे इंदौर में एडीएम रहे, मंडी सचिव बने, प्राधिकरण संभाला और निगमायुक्त बनते ही अपने आपको शहर के लिए झोंक डाला। उनकी इस कार्यकुशलता का तोहफा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)ने न केवल इंदौर थमाकर दिया, बल्कि अपने सपनों के शहर को साकार करने के लिए फ्रीहैंड दिया। 2 साल के इस कार्यकाल में मनीष सिंह ने हर वो काम अंजाम पर पहुंचाए, जिनके निर्देश उन्हें राजधानी से आए…भूमाफियाओं के सफाए का अभियान तो मुख्यमंत्री ने पहले चलवाया था, लेकिन इस बार लोगों को अधिकार दिलवाने… गुंडों को मिटाने…कानून का पालन करवाने और अनाज माफियाओं से लेकर सारे गलत धंधे करने वालों को ठिकाने लगाने के लिए इशारा किया और हर काम को मनीष सिंह ने बखूबी अंजाम दिया। इंदौर शहर मेें विभिन्न पदों पर लगभग 20 वर्ष बिता चुके मनीष सिंह गली-मोहल्ले से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दलों के नेता, व्यावसायिक संगठनों के वरिष्ठजनों और बड़े व्यापारियों से पूरी तरह से परिचित हैं। किसी को कोई भी समस्या होती है तो वह अपना अधिकार समझकर उनके पास पहुंच जाता है और वे मदद करने में कभी पीछे नहीं हटते हैं। पत्रकारिता जगत में तो उनके चाहने वालों की संख्या काफी ज्यादा है।
मुख्यमंत्री का इशारा मिलते ही शुरू हो जाता है मनीष-मिशन
मुख्यमंत्री जो चाहते हैं वो कलेक्टर कर दिखाते हैं…उनका इशारा मिलते ही मनीष-मिशन शुरू हो जाता है और वे किसी भी मिशन को कामयाब करके ही चैन लेते हैं। इंदौर को स्वच्छता में अव्वल लाना हो, आवारा पशुओं को शहर से बाहर निकालना हो, गुंडों पर नकेल कसना, जमीन माफियाओं को बेनकाब करने से लेकर प्लॉट की धोखाधड़ी करने वालों को जेल पहुंचाना, लोगों को अधिकार दिलाना, गरीब, बेसहारा वृद्धजनों के मकान-दुकान खाली कराकर न्याय दिलाने में अब तक कामयाब रहे हैं। शहर के मध्य क्षेत्र में चौड़ी-चौड़ी सड़कें भी उनकी ही सोच का परिणाम हैं। राशन माफियाओं और मिलावटखोरों को भी उन्होंने जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। अपने कार्यकाल के दोनों साल कोविड संक्रमण से प्रभावित रहने के बावजूद मनीष सिंह (Manish Singh)ने प्रशासनिक कार्यों को भी बखूबी अंजाम दिया। उनके कई मिशन मुख्यमंत्री को इतने भाए कि उन्होंने उन्हें पूरे प्रदेश में लागू करवाया।
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