माल्या-मोदी को भी छोड़ा पीछे – रुचि सोया ने कार्पोरेट लूट का नया इतिहास रचा, अब सेबी की भी थोड़ी नींद खुली
इंदौर। विजय माल्या और नीरव मोदी को पछाड़ते हुए बाबा रामदेव ने बैंकों को चूना लगाने का नया कीर्तिमान बना लिया। अभी रुचि सोया, जो कि पतंजलि ग्रुप (Patanjali Group) के पास है, का एफपीओ (FPO) जारी किया गया, जो कि कल आखिरी दिन 3.6 गुना सब्स्क्राइब हुआ। दरअसल शेयर बाजार (stock market) से रुचि सोया 4 हजार 300 करोड़ रुपए जुटा रही है। वहीं दूसरी तरफ बैंकों को बाबा बनाकर रामदेव 25 हजार करोड़ के आसामी बन गए। दिवालिया फर्म रुचि सोया पर बैंकों का 1800 करोड़ रुपए से अधिक बकाया था, उसे बट्टे खाते में डालते हुए बैंकों ने एक रुपए की वसूली भी नहीं की, उलटा पतंजलि को रुचि सोया खरीदने के लिए एसबीआई ने 1200 करोड़ रुपए अलग दे डाले।
कॉर्पोरेट लूट और बैंकों को खोखला करने का रुचि सोया-पतंजलि ने नया उदाहरण प्रस्तुत किया। एसबीआई के साथ-साथ पीएनबी, सेंट्रल बैंक और अन्य ने भी कर्जा माफ कर दिया। दिसंबर 2019 में पतंजलि ने दिवालिया कंपनी रुचि सोया को खरीदा। पहले अडानी ग्रुप भी दौड़ में था, जो बाद में पीछे हट गया। अब पतंजलि पब्लिक इश्यू के जरिए 4300 करोड़ जुटाना चाहती है, ताकि इस राशि का इस्तेमाल कर्ज उतारने में किया जा सके। आधे से अधिक लोन को माफ करने के बाद एनसीएलटी ने सस्ते में रुचि सोया को पतंजलि के हवाले कर दिया। बाबा ने एनसीएलटी को भी चूना लगाकर एक फीसदी शेयर ही जारी किए और सेबी चुप रहा। फिर शेयर की कीमतों में घोटाला करते हुए साढ़े 3 रुपए का शेयर दो साल में एक हजार पार पहुंचा दिया। अब उसका 20 फीसदी हिस्सा पब्लिक इश्यू के रूप में सामने आ रहा है और जिस रुचि सोया को बाबा ने हजार करोड़ में खरीदा उसके एवज में रामदेव 25 हजार करोड़ के आसामी बन गए और बदले में बैंकों को बाबा बना दिया।
सेबी ने प्रथम दृष्टया ही फ्रॉड बताया, जारी करना पड़ेंगे विज्ञापन
सेबी पहले तो सोया रहा और अब उसकी नींद थोड़ी खुली और पतंजलि के यूजर्स को निवेश करने के जो ऑफर अवांछित एसएमएस के जरिए दिए गए, उस पर सेबी कार्रवाई कर रहा है। सेबी ने प्रथम दृष्टया ही इस मैसेज को फ्रॉड बताया और अब उसे विज्ञापन छापकर स्थिति स्पष्ट करना होगी। खुदरा निवेशकों को 28 से 30 मार्च तक अपनी बीड वापस लेने का विकल्प भी दिया गया। इस एसएमएस में लिखा गया कि पतंजलि परिवार के सभी प्रिय सदस्यों के लिए अच्छी खबर। खुदरा निवेशकों के लिए फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर ओपन किया है, जिसका फायदा उठाया जाए।
अवांछित एसएमएस से दिया निवेशकों को ऑफर
सेबी ने प्रमुख बैंकिंग मैनेजर्स को भी निर्देश दिए कि वे सभी निवेशकों को अखबार में विज्ञापन के रूप में अवांछित एसएमएस के संबंध में आगाह करते हुए नोटिस जारी करें। विड्रॉल 28 से 30 मार्च को उपलब्ध रहेगा और निकासी की प्रक्रिया का खुलासा भी निवेशकों को करना पड़ेगा। वहीं बोलियों को वापस लेने के लिए अतिरिक्त विंडो के बारे में उन्हें सूचना दी जाएगी।
पतंजलि पर शुरू से ही मेहरबान रहीं भाजपा की सरकारें
अन्ना हजारे ने जब तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया, तब उसमें बाबा रामदेव ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के भी नुस्खे सुझाए। तब से ही भाजपा की राज्य और फिर केंद्र में बनी सरकारें पतंजलि की मददगार साबित हुईं। यहां तक कि कोरोना काल में बाबा रामदेव ने जो विवादित आयुर्वेदिक कोरोनिल बनाई उसकी भी लॉन्चिंग तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने कर दी, जिसको लेकर जमकर विवाद भी हुआ। वहीं पतंजलि के उत्पादों को लेकर भी तमाम शिकायतें मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती। दूसरी तरफ रुचि सोया के मामले में तो कॉर्पोरेट लूट का इतिहास ही पतंजलि के पक्ष में लिख दिया गया। अभी सेबी ने बीड वापस लेने का जो विकल्प दिया, वह भी मार्केट जानकारों के मुताबिक दुर्लभ है।
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