लाहौर: पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले ही विपक्षी दलों की ओर से लाए गए अविश्वाव प्रस्ताव से इमरान सरकार खतरे में हैं. अब इमरान के करीबी और पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.
पंजाब के CM के खिलाफ प्रस्ताव
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कुछ ही हफ्ते पहले पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद विपक्ष ने यह कदम उठाया. पाकिस्तानी संसद (नेशनल असेंबली) के सचिवालय के सामने विपक्षी दलों ने बीते 8 मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था.
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है. वहीं पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के मुख्यमंत्री बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत जल्दबाजी में लाया गया ताकि प्रधानमंत्री के हटाये जाने पर पंजाब विधान सभा को भंग करने की पीटीआई सरकार की संभावित योजना को पहले ही विफल कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री पर विपक्ष के गंभीर आरोप
विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने 52 वर्षीय बुजदार के खिलाफ सोमवार को यह अविश्वास प्रस्ताव सौंपा जिसमें 127 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. विपक्ष ने एक एप्लीकेशन देकर विधान सभा सत्र के लिए अनुरोध किया है ताकि वह अविश्वास प्रस्ताव को सदन में रख सकें. अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बुजदार ने सदन का विश्वास खो दिया है.
अविश्वास प्रस्ताव के संकल्पपत्र में कहा गया है कि बुजदार ने 11 करोड़ की आबादी वाले पंजाब प्रांत के कामकाज को संविधान के मुताबिक नहीं संपन्न करके संविधान का उल्लंघन किया है. विपक्ष ने इसमें आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले साढ़े तीन साल के दौरान लोकतंत्र की भावना के उलट काम किया है.
साथ छोड़ने लगे सहयोगी दल
अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के बाद PML-N के विधायक राणा मशहूद ने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी के खिलाफ भी अविस्वास प्रस्ताव लायेगा. राणा ने कहा कि दीवार पर यह साफ-साफ लिखा दिख रहा है कि इमरान और बुजदार अविश्वास प्रस्ताव का समाना नहीं कर सकेंगे, इसलिए दोनों के सामने सम्मानजनक विदाई लेने का एक ही रास्ता है कि इस्तीफा दे दें. PML-Q सरकार की सहयोगी पार्टी है जिसके पास पंजाब विधान सभा में 10 सीट है, लेकिन इसने भी विपक्ष से हाथ मिलाने के संकेत दिये हैं. पीएमएल-क्यू ने कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर उसे पंजाब के मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है.
संसद में सरकार बचाने का संकट
इमरान सरकार के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के कारण पाकिस्तान का सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है, जिसका अगले हफ्ते के आखिर तक नतीजा दिख सकता है. इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत होगी. वहीं नेशनल असेंबली में इमरान खान की PTI के 155 सदस्य हैं और उन्हें भी सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी.
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