नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए 2022 में होने वाले विधानसभा (Assembly Election 2022) की चुनाव को सेमीफाइनल (Semi Final) माना जा रहा है. 2022 की शुरुआती महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. वहीं इस साल के अंत में गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में देखा जाए तो देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए 7 राज्यों के विधानसभा चुनाव अहम माने जा रहे हैं. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चार राज्यों में जीत दर्ज की है.
जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता मिली. इन पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे ज्यादा निराशाजनक रहा है. वहीं देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रिकॉर्ड बनाया और दूसरी बार सत्ता पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की. अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं. दोनों ही राज्यों में भाजपा सत्ता में है. ऐसे में इन राज्यों में सत्ता में बने रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी पुरजोर कोशिश कर रही है. जबकि कांग्रेस अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश में जुटी है.
गुजरात और हिमाचल से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें
देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. 2022 के फरवरी माह से शुरू हुए उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड पंजाब, मणिपुर और गोवा के विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. जबकि चार राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,गोवा, मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई है. तो वही आम आदमी पार्टी ने पंजाब में बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाई. ऐसे में अब कांग्रेस को गुजरात और हिमाचल में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीदें भी है. दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है. गुजरात में तो 1995 से कांग्रेस सत्ता से बाहर है. अगर इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन नहीं किया तो 2024 के लोकसभा चुनाव पर इन परिणामों का बड़ा असर भी होगा.
गुजरात के गढ़ को बचाना भाजपा के लिए चुनौती
2022 के शुरुआती महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चार राज्यों में सत्ता को दोहराया है. वहीं अब गुजरात में भाजपा को सत्ता बचाने की बड़ी चुनौती भी है .1995 से भाजपा गुजरात की सत्ता पर काबिज है. वही 2022 के आखिरी महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण यह चुनाव दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केवल 99 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि इससे पहले के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हमेशा सबसे ज्यादा सीटों पर ही जीत दर्ज की थी. इस तरह से सीटों की संख्या कम होना और कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ना भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं है. इसी वजह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के चुनाव को लेकर गंभीर हो गए हैं.
गुजरात की सत्ता पर सातवीं बार काबिज होने की चुनौती
1995 से लगातार गुजरात की सत्ता पर बीजेपी काबिज है लगातार छह बार चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज करके सत्ता पाई है .वहीं कांग्रेसी 1995 से ही सत्ता का वनवास झेल रही है. ऐसे में हर बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपने बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती रही है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने 2012 के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया और 77 सीटें जीती. वहीं 2022 में भाजपा जहां सातवीं बार गुजरात की सत्ता पर काबिज होने के लिए तैयारी कर रही है. तो कांग्रेसी भी अपने 27 साल के वनवास को समाप्त करने की तरफ बढ़ रही है.
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