अतिक्रमण, अवैध निर्माण, रॉन्ग पार्किंग से लेकर फुटपाथों पर हो रहे कब्जों के साथ गंदगी करने वालों पर ठोंकेगी जुर्माना
इंदौर। लगभग पांच साल के बाद नगर निगम की मोबाइल कोर्ट एक बार फिर शुक्रवार को सडक़ों पर नजर आई, जिसमें फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को समझाइश भी दी। वहीं 36 पर चालानी कार्रवाई भी की गई। अब निगम की मोबाइल कोर्ट हर हफ्ते इसी तरह सडक़ों पर उतरकर कार्रवाई करेगी। इसमें अतिक्रमण, अवैध निर्माण, गंदगी करने गुमाश्ता लाइसेंस ना लेने सडक़ों और फुटपाथों पर कब्जा जमाने से लेकर अन्य नियमों के उल्लंघन पर गाज गिरेगी। इस मोबाइल कोर्ट में विशेष न्यायाधीश निगम अरविन्दसिंह गुर्जर मौजूद रहेंगे। वहीं उनके साथ निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी होंगे। शनिवार से शुरू हुई इस मोबाइल कोर्ट कोर्ट ने तिजोरी गली, सियागंज, रानीपुरा में कार्रवाई की।
विशेष न्यायालय द्वारा संचालित मोबाइल कोर्ट पुलिस बल के साथ निगम की रिमूव्हल, राजस्व और मार्केट विभाग की टीम भी मौजूद रही। न्यायाधीश श्री गुर्जर के अलावा उपायुक्त लोकेन्द्रसिंह सोलंकी, स्वास्थ्य अधिकारी राजेश जायसवाल, गौतम भाटिया, संदीप पाटोदी, विधि अधिकारी गोविंद कौशल, सहायक राजस्व अधिकारी जितेन्द्र पांडे, रिमूव्हल सुपर वाइजर दिनेश जुनवाल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। दरअसल 2 साल कोरोना संक्रमण और उसके पहले भी मोबाइल कोर्ट बंद रही। अब 5 साल बाद फिर इसे शुरू किया गया है, जिससे सडक़ों पर अतिक्रमण, फुटपाथों पर कब्जे सहित अन्य नियमों के उल्लंघन पर हाथों हाथ कार्रवाई हो सकेगी। मोबाइल कोर्ट के जरिए होने वाली चालानी कार्रवाई या अन्य प्रकरणों का निराकरण कोर्ट से ही होगा। पहले दिन तिजोरी गली, सियागंज, रानीपुरा जैसे सघन क्षेत्रों में मोबाइल कोर्ट पहुंची, जहां पर जाम, पार्किंग से लेकर अन्य समस्याएं रहती है। हालांकि नगर निगम द्वारा भी रोजाना स्पॉट फाइन की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन कई जगह पर व्यापारियों या जनप्रतिनिधियों द्वारा विरोध भी किया जाता है, मगर मोबाइल कोर्ट का विरोध कोई नहीं कर सकेगा, क्योंकि विशेष न्यायाधीश खुद मौके पर मौजूद रहते हैं, जिन्हें जेल भेजने से लेकर तमाम अन्य अधिकार भी हैं, जिसके चलते नियम तोडऩे वालों के खिलाफ हाथों हाथ स्पॉट फाइन से लेकर अन्य कार्रवाई की जा सकती है। यहां तक कि अतिक्रमण हटवाने या अवैध निर्माणों को भी उसी वक्त तोड़ा जा सकेगा।
स्वच्छता सर्वे में भी मददगार साबित होगी मोबाइल कोर्ट
नगर निगम अभी स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की तैयारियों भी भिड़ा है और निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल सभी 19 झोनों और 85 वार्डों का सुबह से रात तक दौरा कर रही है। सफाई से लेकर अन्य मामलों में उन्हें जो भी गड़बड़ी मिलती है उनका निराकरण करती हैं। अब इस मामले में मोबाइल कोर्ट से भी मदद मिलेगी।
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