नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल कार्यालय (Office of Lt. Governor of Jammu & Kashmir) ने रविवार को बताया कि अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) 30 जून से शुरू होगी. सभी कोविड प्रोटोकॉल से तहत यह यात्रा शुरू होगी और 43 दिनों तक चलेगी, यह यात्रा रक्षा बंधन पर समाप्त होगी. अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक (Amarnath Shrine Board meeting) में यह फैसला लिया गया.
बता दें कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने बीते दिनों कहा था कि अमरनाथ यात्रा के लिए अप्रैल से तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होगा. श्राइन बोर्ड ने अप्रैल से ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पंजीकरण शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र के तीर्थस्थल में तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए आरएफआईडी आधारित ट्रैकिंग की जाएगी.
एसएएसबी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राहुल सिंह ने जम्मू संभागीय आयुक्त राघव लैंगर की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान आगामी यात्रा के लिए व्यवस्था की समीक्षा करने के दौरान कहा, ‘अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अप्रैल 2022 के महीने में 20,000 पंजीकरण प्रति दिन की सीमा के साथ शुरू होगा.’
उन्होंने कहा कि यात्रा के दिनों में निर्धारित काउंटर पर ऑन स्पॉट (तत्काल) पंजीकरण भी किए जाएंगे. राहुल सिंह ने कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने इस साल की तीर्थ यात्रा के दौरान वाहनों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने को लेकर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का उपयोग करने का निर्णय लिया है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ धाम की वार्षिक यात्रा में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए 20 हजार की क्षमता वाला यात्री निवास बना रहा है. जम्मू संभाव के आयुक्त राघव लांगर ने बताया कि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 की वजह से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरानाथ गुफा तक की यात्रा सांकेतिक तौर पर आयोजित की गई थी.
उन्होंने बताया कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, टइस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है जिससे इस इलाके में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है जो पिछले दो साल से कोविड-19 की वजह से मंद थी.
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