गुजरात और अन्य प्रांतों के गौ-संरक्षण कार्यों का अध्ययन करेंगे, प्रदेश में गाय के गोबर क्रय करने की व्यवस्था की जाएगी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने शनिवार देर शाम पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक (Contemplation meeting Pachmarhi) में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में गोबर-धन प्रोजेक्ट (Gobar-Dhan project in cities) प्रारंभ होंगे। गाय के गोबर को क्रय करने की व्यवस्था की जाएगी। गुजरात सहित अन्य राज्यों में गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण के प्रयोगों का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में नवीन कार्यों की शुरुआत होगी।
उन्होंने कहा कि आमजन को गाय और सड़क पर विचरण करने वाले अन्य पशुओं की देखभाल के प्रति जागरूक करने का कार्य भी किया जाएगा। गाय के गोबर और गौ-मूत्र से आय होने पर आम नागरिक गौ-पालन के लिए प्रेरित होंगे। गौ-शालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में गोबर-धन योजना में पीएनजी संयंत्र के संचालन के सफल प्रयोग को अन्य स्थानों तक ले जाया जाएगा। गाय के गोबर का उपयोग बड़े पैमाने पर गौ-काष्ठ के निर्माण में किया जाता है। इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे गौ-पालकों को भी राशि प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सड़क पर विचरण करने वाले पशुओं की बेहतर व्यवस्था के लिए मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह आगे भी कार्य करता रहेगा। इस समूह में मंत्री विश्वास सारंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ऊषा ठाकुर और मोहन यादव शामिल हैं।
मंत्री समूह के प्रस्तुतिकरण में मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि गाय श्रद्धा का केन्द्र है। गौ-काष्ठ के अलावा वर्मी कम्पोस्ट खाद भी बनाया जा रहा है। यह खाद महंगी कीमत पर बिकता है। गौ-शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास बढ़ाने के सुझाव मिले हैं। गायों के संरक्षण के लिए अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है। गाय का पालन लाभ का कार्य बनें इसके लिए विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं। मंत्री डॉ. मिश्र ने विभिन्न स्थानों पर हुए गौ-पालन के सफल प्रयोगों की भी जानकारी दी।
मंत्री ऊषा ठाकुर, प्रेम सिंह पटेल, ओपी सखलेचा, कमल पटेल, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, हरदीप सिंह डंग और भारत सिंह कुशवाह ने विभिन्न सुझाव दिए। चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न मंत्री समूहों के प्रस्तुतिकरण को सार्थक बताते हुए आशा व्यक्त की कि प्राप्त सुझाव जनकल्याण की दृष्टि से भी उपयोगी सिद्ध होंगे। राज्य शासन द्वारा इन सुझावों पर आवश्यक निर्णय भी लिए जाएंगे। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved