ग्वालियर। डबरा के चांदपुर गांव (Chandpur Village) के लोग एक भैंस के दूध से बने रायता खाने की वजह से डरे हुए हैं। वे एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल भी पहुंच गए। अब आप कहेंगे कि भैंस के दूध से दही और दही से रायता बनता है, लेकिन इसमें रैबीज कहां से आ गया। तो यहां बता दें कि जिस भैंस के दूध (buffalo milk) से रायता बनाया गया था, उस भैंस को पागल कुत्ते ने काट लिया था। जब भैंस का दूध का दही बनाया गया और उसे बनी छांछ को गांव में तेरहवीं के भोज में भैंस मालिक ने दे दिया।
इधर छांछ से रायता बना और उधर भैंस की मौत हो गई। जैसे ही लोगाें को पता चला कि उसी भैंस के दूध करायता खाया है जिसकी मौत पागल कुत्ते (mad dog) के काटने से हुई है तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और वे दहशत में आ गए। ग्रामीणों में डर पैदा हो गया कि कहीं उन्हें भी जहर नहीं फैल जाएगा।
रायता खाने के बाद डरे ग्रामीण सीधे सीधे सिविल अस्पताल एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच गए। चूंकि मृत्यु भोज में चांदपुर व आसपास के गांव भी शामिल हुए थे। इसलिए अस्पताल में खासी भीड़ हो गई। सभी ग्रामीण जल्द से जल्द इंजेक्शन लगवाना चाहते थे। लेकिन भीड़ अधिक होने से इंजेक्शन लग नहीं पा रहे थे।
हालांकि पर्चा बनवाने के बाद ग्रामीण एक के बाद एक इंजेक्शन लगवा रहे थे। फिर भी कुछ लोग इंजेक्शन लगवाने के बच गए। उन्हें डॉक्टरों ने दूसरे दिन इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा है। जिससे उनमें जहर न फैल सके। मृत्युभाेज में खाना खाने वाले लोग भैंस मालिक को कोस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि भैंस को पागल कुत्ते ने काट लिया था तो उसे दूध या छांछ देने की जरूरत ही क्या थी। यदि जहर फैल गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved