कीव । यूक्रेन पर रूस (Russia on Ukraine) का हमला हुए 31 दिन हो चुके हैं। रूस के भीतर से बाहर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक तमाम कोशिशों के बावजूद युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहे है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार को यूक्रेन (Ukraine) के पड़ोसी देश पोलैंड का दौरा किया और सेनिकों से भी मिले।
इस बीच अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने रूस से युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से बातचीत करने की अपील की है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन शांति के लिए अपने किसी भी क्षेत्र को छोड़ने के लिए सहमत नहीं होगा। जेलेंस्की राष्ट्र के नाम शुक्रवार रात अपने वीडियो संबोधन में रूसी जनरल स्टाफ के उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कोई को जवाब देते हुए दिखाई दिए।
बता दें कि गत दिवस रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति गुरुवार को नाटो देशों की बैठक में शामिल होने के बाद शुक्रवार को यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड की यात्रा पर गए। बाइडेन यूक्रेन तो नहीं जा रहे हैं किन्तु यूक्रेन के लोगों के साथ अपने समर्थन को दर्शाने के लिए वे यूक्रेन की सीमा पर मौजूद पोलैंड के शहर रेजेस्जोव भी गए। यह शहर यूक्रेन सीमा से महज 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रुडस्कोई ने कहा था कि रूसी सेना अब मुख्य लक्ष्य, डोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित करेगी। रूस समर्थित अलगाववादियों का 2014 से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के हिस्से पर नियंत्रण है। रूसी सेना यूक्रेन से और अधिक क्षेत्र को नियंत्रण में करने के लिए जूझ रही है, जिसमें मारियुपोल शहर भी शामिल है। जेलेंस्की ने उल्लेख किया कि रूसी सेना ने हजारों सैनिकों को खो दिया है लेकिन अब भी वह कीव या खारकीव पर कब्जा करने में सक्षम नहीं है।
अमेरिका वैसे भी इस युद्ध में खुलकर रूस का विरोध कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति की पोलैंड यात्रा को भी रूसी खेमा स्वीकार नहीं कर रहा है। रूसी समर्थक देश बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंकों ने पोलैंड को लेकर चेतावनी भी दी है। लुकाशेंकों ने कहा है कि यूक्रेन में पश्चिमी शांति रक्षक बलों को तैनात करने का पोलैंड का प्रस्ताव तीसरा विश्वयुद्ध भड़का सकता है। बेलारूस ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस को अपने क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति दे रखी है, किन्तु पोलैंड को लेकर बेलारूस ने आगाह किया है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने हालात को बेहद गंभीर और तनावपूर्ण करार दिया।
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