भोपाल। एक हजार से अधिक उपभोक्ताओं वाली सरकारी उचित मूल्य की दुकानों को जल्द ही निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। इन दुकानों को मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कापेरिशन द्वारा पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा। दुकान में निवेश करने वाले व्यवसाई को पांच वर्ष में रकम वापसी की गारंटी देने की भी प्लानिंग की गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को यह प्रजेंटेशन दिखाया जा चुका है। अब इसकी संभावनाएं और शर्तों आदि पर मंथन किया जाएगा। यह प्रस्ताव पास हुआ तो लोक सेवा गारंटी केंद्रों की तरह गरीबों का राशन भी 15 प्रतिशत लाभ की गारंटी के साथ निजी बेंडर को सौंप दिया जाएगा।
इस तरह होगा भंडारण
तीन महीने के आवंटन के अनुसार भंडारण की क्षमता तय की जाएगी। भवन विहीन दुकानों के लिए मनरेगा, वन, आदिम जाति कल्याण और विधायक निधि से कराई जाएगी। शहरी क्षेत्र में दुकानों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। 15 प्रतिशत लाभ के साथ पांच वर्ष में किया जाएगा निवेशक का पैसा वापस।
यह रखें हैं मॉडल
एक हजार राशन कार्ड तक की पीडीएस दुकान के लिए 12.10 लाख रुपए का व्यय रखा गया है। दो हजार राशन कार्ड तक की पीडीएस दुकान के लिए 20.47 लाख रुपए का व्यय रखा गया है। एमपीडब्ल्यूएलसी द्वारा निवेशकों को प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा। भुगतान इस तरह किया जाएगा कि निवेशक को पांच वर्ष में 15 प्रतिशत लाभ के साथ राशि वापस मिल जाए।
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