इंदौर। एक तरफ जिला प्रशासन ने बायलर अथवा भूमियो में कोयला और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध लगाते हुए उद्योगों को सीएनजी, यानी प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करने के सख्त निर्देश दे रखे हैं, दूसरी तरफ उद्योग संचालकों का कहना है कि सीएनजी की कीमतें देश में सबसे ज्यादा सिर्फ इंदौर में ही हैं। इसी मामले को लेकर कल मध्यप्रदेश इंडस्ट्री एसोसिएशन ने राज्यपाल को बताया कि इस वजह से लगभग 300 उद्योग गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। महंगी गैस की वजह से प्रोडक्शन की लागत बढ़ जाने के कारण जो खरीदार पार्टियां सालों से उनसे माल खरीदती आ रही हैं, वह अब उनसे कतराने लगी हैं। उद्योगों पर संकट मंडराने के कारण इनमें सालों से काम कर रहे 50 हजार से ज्यादा लोगों के परिवारों पर रोजी-रोटी छिनने का खतरा मंडराने लगा है।
देश में सबसे ज्यादा महंगी सीएनजी इंदौर में बिकने की समस्या को लेकर कल उद्योगपति इंदौर प्रवास के दौरान रेसीडेंसी में मौजूद राज्यपाल से मिले। महामहिम से उद्योग संचालकों ने प्राकृतिक गैस पर वैट की दरें कम करने की गुहार लगाते हुए कहा कि जिस तरह देवास में इंदौर की अपेक्षा कम कीमत में गैस मिल रही है, उसी तरह इंदौर के उद्योगों को भी उतनी ही कम कीमतों पर प्राकृतिक गैस मिलना चाहिए। इस पर राज्यपाल बोले कि इस मामले में मुझसे जितना भी सकारात्मक हो सकेगा मैं करूंगा, मगर आप मुख्यमंत्री को भी इस मामले में बता दें।
उद्योगपतियों के संगठन मध्यप्रदेश इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को बताया कि कलेक्टर मनीषसिंह साफ-सफाई में नंबर वन इंदौर को अब स्वच्छ हवा के मामले में भी नंबर वन बनाना चाहते हैं। इस वजह से जिला प्रशासन ने पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए औद्योगिक संस्थानों में कोयला-लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाते हुए उद्योगों को प्राकृतिक गैस का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। वायु प्रदूषण रोकने के लिए उद्योग भी संपूर्ण रूप से सहयोग करना चाहते हैं, मगर प्राकृतिक गैस 14 प्रतिशत का वैट होने से इंदौर के उद्योगों को बहुत महंगी पड़ रही है, जिसका असर उद्योगों के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है। महंगी गैस का इस्तेमाल करने से हमारे औद्योगिक उत्पाद महंगे होते चले जाएंगे। इस वजह से हमारी खरीदार पार्टियां दूसरे औद्योगिक शहरों से उत्पाद खरीदने लगेंगी। इस तरह हमारा धंधा चौपट हो जाएगा। यदि ऐसा चलता रहा तो कई उद्योग संचालक बर्बाद हो जाएंगे, वहीं उद्योगों में काम करने वाले हजारों परिवार सडक़ पर आ जाएंगे।
40 से अधिक उद्योगपति थे मौजूद
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान एसोसिएशन के 40 से अधिक उद्योगपति मौजूद थे। े राज्यपाल को बताया कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक गैस पर वेट की दर 14 प्रतिशत है, जबकि अन्य पडौसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली द्वारा इस की वैट दर को घटाकर 3 से 6 प्रतिशत तक कर दिया गया है। इंदौर के उद्योगों को प्राकृतिक गैस दो लगभग गुनी कीमत पर मिल रही है। इस तरह प्रकृतिक गैस सीएनजी सारे देश की अपेक्षा इन्दौर में सबसे ज्यादा महंगी प? रही है।
इस कारण लगभग 300 से अधिक उद्योग संचालक उद्योग चलाने के लिए संघर्ष कर रहे है। एसोसिएशन ने राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से बताया कि यह समस्या जीएसटी लागू होने से शुरू हुई है ।मध्यप्रदेश को छोडकर लगभग सभी राज्यों ने जीएसटी लागू होने के बाद वेट घटाया है मगर हमारे यंहा एक पाई भी कम नही की है। यदि हम उद्योगो को ब?ावा देना चाहते है तो हमारे प्रदेश में भी वेट की दर को कम करना चाहिए ।
इन शहरों में प्रतिकिलो प्राकृतिक गैस सीएनजी की कीमतें
शहर रुपये
देवास 68.00
इंदौर 79.00
भोपाल 70.00
ग्वालियर 77.00
डिस्ट्रीब्यूटर अवंतिका गैस कंपनी इंदौर में 10 रुपए से भी ज्यादा महंगी गैस बेचती है
गौर तलब है कि प्राकृतिक गैस यानी सीएनजी गैस का अधिकांश कामकाज गैल कम्पनी देखती है। यही कम्पनी देवास मे गैस सफ्लाय करती है मगर इंदौर में सीएनजी गैस का सफ्लाय डिस्ट्रीब्यूटर अवंतिका कम्पनी करती आ रही है। इसलिए वह अपना मुनाफा जो? कर लगभग 10 रुपये से भी ज्यादा महंगी कीमत पर गैस बेचती है। यदि गैल कम्पनी खुद इंदौर में गैस सफ्लाय करने लगे तो देवास में मिलने वाली गैस की कीमत में इंदौर में भी गैस मिलने लगेगी। या फिर राज्य सरकार अन्य राज्यो की तरह मध्य्प्रदेश में भी वेट की दरें कम कर दे। वर्ना दो साल से कोरोना संकट से जूझ रहे उद्योगों की कमर टूटने में ज्यादा वक्त नही लगेगा।
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