नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) जो भी कहते थे, बहुत सोच समझकर कहते थे. अपने जीवन (Life) में आचार्य ने बहुत कठिन संघर्ष किया, फिर भी कभी संघर्षों से हारे नहीं. आचार्य ने हर परिस्थिति को खुद की ताकत बनाया और लगातार कड़ी मेहनत करते रहे. आज वर्षों बाद भी आचार्य चाणक्य को एक योग्य अर्थशास्त्री, रणनीतिकार, कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ और गुरू के रूप में देखा जाता है. आचार्य ने जीवन में जो भी सीखा, उन अनुभवों (Experiences) को लोगों के हित के लिए अपनी रचनाओं में उतार दिया. आज भी आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र, जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है. बहुत प्रचलित है.
चाणक्य नीति में आचार्य ने जीवन से जुड़े हर पहलु पर बात करने का प्रयास किया है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन दो चीजों के बारे में जिनको आचार्य ने विशेष महत्व दिया है और उनकी रक्षा एक सैनिक की तरह करने की बात कही है.
सेहत
पहली चीज है आपकी सेहत. आचार्य का मानना था कि व्यक्ति को अपने शरीर का विशेष तौर पर खयाल रखना चाहिए और उसे रोग मुक्त रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए. ठीक उसी तरह जैसे एक सैनिक अपने वतन को दुश्मनों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करता है. रोग भी आपके शरीर के दुश्मन हैं. अगर एक बार इन दुश्मनों ने आपके शरीर को गिरफ्त में ले लिया तो आप कुछ भी करने लायक नहीं रहेंगे. इसलिए अपने खानपान और दिनचर्या को संतुलित रखें और अपने शरीर को निरोगी बनाने का हर संभव प्रयास करें.
धन
धन को भी आचार्य ने बहुत महत्वपूर्ण माना है. आचार्य का कहना था कि जब आपके अपने भी साथ छोड़ देते हैं, तब आपका संचय किया हुआ धन ही सच्चे मित्र की तरह आपका साथ निभाता है. इसी के सहारे आप जीवनयापन करने में सक्षम होते हैं. इसलिए अपने धन को व्यर्थ में खर्च न करें. इसका संचय करें और अगर धन अधिक है तो निवेश करके इसे और बढ़ाएं. साथ ही शुभ कामों में लगाएं. इससे आपके पास धन भी बढ़ेगा और मान प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved