कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) का कहना है कि बीरभूम की हिंसा (Birbhum Violence) पर राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि वो इस घटना को जायज नहीं ठहरा सकती, लेकिन ऐसा दूसरे राज्यों में भी होता है. बता दें कि सोमवार को बीरभूम जिले के रामपुरहाट के करीब एक गांव में कई झोपड़ियों को आग लगा दी गई. जिसके बाद दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की जलने से मौत हो गई.
ममता ने कहा, ‘बीरभूम में हुई घटना को जायज नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन ऐसी घटनाएं उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में अक्सर होती हैं. हम निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करेंगे. सरकार हमारी है, हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है. हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी को तकलीफ हो. बीरभूम, रामपुरहाट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है.’
सख्त कार्रवाई की जाएगी
बनर्जी ने कहा कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए बृहस्पतिवार को जिले का दौरा करेंगी. उन्होंने कहा, ‘बीरभूम की घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों.’ मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि उन्हें जिले का अपना दौरा एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि ‘अन्य राजनीतिक दल पहले से ही वहां जुटे हुए हैं.’
बीजेपी पर निशाना
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता घटनास्थल पर जाते समय ‘लंगचा’ (पड़ोसी बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ क्षेत्र में बनने वाली मिठाई) का स्वाद लेने के लिए रुक गए.
‘ये बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं’
बीजेपी के नौ सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. ममता बनर्जी ने कहा है कि वो बंगाल आने से किसी को नहीं रोकेंगी. उन्होंने कहा, ‘ ये बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. मैंने तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था लेकिन हमें प्रवेश नहीं दिया गया. लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं.’
क्या थी हिंसा की वजह?
माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.अधिवक्ता तरुण ज्योति तिवारी ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने और भाजपा अधिवक्ता प्रकोष्ठ के नौ अन्य सदस्यों ने खंडपीठ के समक्ष घटना का उल्लेख करते हुए याचिका दायर करने की अनुमति मांगी थी.
11 लोग गिरफ्तार
पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय के मुताबिक, अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजी ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन भी किया है. फिलहाल पूरे मामले को लेकिर गांव में तनाव बरकार है.
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