मऊ । उत्तर प्रदेश में भाजपा (UP BJP) का 25 मार्च को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण समारोह होना है। वहीं, उससे पहले यूपी (UP) के मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Caretaker Chief Minister Yogi Adityanath) को मऊ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (District and Sessions Judge) ने नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय की है।
बताया जा रहा है कि मऊ स्थित दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा ने एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था। सत्र न्यायाधीश की ओर से जारी की गई नोटिस को लेकर अब सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय की है।
इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं गोरक्षपीठ के महंत हैं। उनका वक्तव्य देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय के लिए महत्व रखता है।
एक परिवाद दाखिल कर आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में सार्वजनिक सभा में कहा था कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं बनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। उनके इस भाषण से परिवादी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगी है।
बजरंगबली में आस्था रखने वाले समुदायों की भावना भी आहत हुई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को परिवाद खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि घटनास्थल राजस्थान में है। सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय की गई है।