-उच्च पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया निर्धारित, कार्यवाहक व्यवस्था के आदेश जारी
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने पुलिस विभाग (police department) में पदोन्नति से वंचित (Deprived of promotion) अधिकारियों-कर्मचारियों को पात्रता के अनुसार उच्च पदों का प्रभार देने की शुरुआत कुछ दिनों पहले ही की थी और कुछ अधिकारियों को पदोन्नत करते हुए उच्च पदों पर पदस्थ भी किया। अब यह व्यवस्था जेल विभाग (prison department) में शुरू होने जा रही है। जेल विभाग के अपर सचिव ललित दहिमा ने सोमवार को उच्च पदों का प्रभार देने की व्यवस्था लागू किए जाने आदेश जारी किए।
गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि जेल विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यवाहक तौर पर उच्च पद का प्रभार देने संबंधी प्रक्रिया निर्धारित कर आदेश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि अधीक्षक जिला जेल, उप अधीक्षक जेल, वरिष्ठ परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी, मुख्य परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी इत्यादि पदों के लिये पात्र एवं योग्य अधिकारियों का निर्धारण छानबीन समिति करेगी।
उन्होंने बताया कि चार सदस्यीय समिति में अध्यक्ष, महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ रहेंगे। अन्य 3 सदस्यों में अतिरिक्त महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ, जेल उप महानिरीक्षक (स्थापना) और जेल उप महानिरीक्षक (विधि)/अधीक्षक केन्द्रीय जेल रहेंगे। समिति में कम से कम एक सदस्य अनुसूचित-जाति/अनुसूचित-जनजाति वर्ग का होगा।
डॉ. राजौरा ने बताया कि अन्य पदों के लिये महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ द्वारा छटनी समिति बनाई जायेगी। कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के लिये उच्चतर पद की वास्तविक रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकता अनुसार स्थानांतरण सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रभार दिये जाने के आदेश के साथ ही किये जा सकेंगे तथा जो पद कार्यवाहक प्रभार के कारण रिक्त होंगे, उन पद पर अन्य को कार्यवाहक प्रभार नहीं दिया जायेगा। वर्तमान इकाई/स्थानांतरण इकाई में इनका वेतन प्रभार में दिये गये स्वीकृत पद के विरुद्ध आहरण किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने बताया कि स्थानापन्न प्रभाव से कार्यवाहक प्रभार के लिये पात्रता की शर्तें भी निर्धारित कर दी गई हैं। अन्य शर्तों के अतिरिक्त निर्धारित किया गया है कि कार्यवाहक प्रभार वाले अधिकारी/कर्मचारी अपने कार्यवाहक पद के सभी अधिकार एवं दायित्वों का व्यवहरण करने में सक्षम होंगे। कार्यवाहक प्रभार ग्रहण करने वाले किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को भविष्य में पदोन्नति के विचारण में वरीयता का कोई अधिकार नहीं होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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