राजसमंद: राजसमंद जिले के केलवा (Kelva) थाना इलाके के तलाई खनन क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा (Traumatic accident) सामने आया है. यहां बाइक से मंदिर जा रहे दंपति और उनकी बेटी पर करीब 5 टन वजनी की चट्टान (Rock) गिर गई. चट्टान के मलबे में दबने से मां-बेटी की मौत (Death) हो गई. हादसे में बाइक चला रहा युवक गंभीर घायल हो गया. हादसे के बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया और वे मुआवजे की मांग पर अड़ गए. करीब 6 घंटे तक चली वार्ता के बाद मार्बल माइंस एसोसिएशन और परिजनों के बीच 28 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी. उसके बाद परिजनों ने शवों को उठाया.
सरपंच मूलाराम रेवाड़ी के मुताबिक उमठी गांव निवासी खनन मजदूर लक्ष्मणदास वैष्णव (40) अपनी पत्नी राजेश्वरी (38) और 3 साल की बेटी खुशी के साथ शनिवार को खेतेश्वर महादेव मंदिर दर्शन के लिए जा रहा था. शॉर्टकट के चक्कर में वह बाइक को माइंस के बीच से निकाल रहा था. इसी दौरान मंदिर से 300 मीटर पहले ही रास्ते में झुकी हुई चट्टान 30 फीट की ऊंचाई से बाइक पर गिर गई. हादसे में मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई.
पिता की हालत नाजुक बनी हुई है
बाइक चला रहा लक्ष्मणदास गंभीर घायल हो गया. उसे पहले आरके जिला अस्पताल लाया गया. वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे गंभीर हालत में उसे निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहां उसके सिर का ऑपरेशन किया गया. फिलहाल उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि भोलेनाथ मार्बल के नाम से यह लीज पृथ्वी सिंह मेड़तिया के नाम से है. ग्रामीणों ने बताया कि माइंस मालिक पृथ्वीसिंह मेड़तिया को पहले भी कई बार रास्ते में लटके हुए मार्बल के ब्लॉक को हटाने के लिए कहा गया था. लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया.
लक्ष्मणदास रोजाना परिवार के साथ जाता था दर्शनों के लिये
माइंस के अंदर से एक रास्ता होकर गुजरता है जो उमठी गांव की तरफ जाता है. लेकिन लगातार खनन के कारण पहाड़ी पर कई चट्टानें कमजोर हो गई थी. खनन के कारण पहाड़ी पर कुछ चट्टानें झुकी हुई हैं. इन्हीं के नीचे से होकर मंदिर जाने का रास्ता है. बाइक पर परिवार के साथ लक्ष्मणदास जब पहाड़ी के करीब से गुजरा तो ऊपर से बड़ी चट्टान और उस पर मलबा गिर पड़ा. कई टन वजनी पत्थर सीधे राजेश्वरी और बेटी खुशी पर आकर गिरे. इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. बाइक पूरी तरह पत्थरों में दब गई. लक्ष्मणदास रोजाना परिवार के साथ घर से डेढ़ किलोमीटर दूर मंदिर दर्शन करने जाता था.
चार बहनों में सबसे छोटी थी खुशी
केलवा थाना अधिकारी प्रवीणसिंह जुगतावत ने बताया कि लोगों को जब चट्टान गिरती दिखी तो वे मौके पर भागे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से पत्थर हटाकर घायल लक्ष्मण को निकाला और हॉस्पिटल पहुंचाया. मां-बेटी के शव जिला हॉस्पिटल की मार्चरी में भेजा गया. लक्ष्मण की 4 बेटियों में खुशी सबसे छोटी थी. सबसे बड़ी बेटी की उम्र 13 साल, दूसरी की 8 साल और तीसरी बेटी की उम्र 6 साल है.
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