लाहौर: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के दो दर्जन असंतुष्ट सांसदों से नाराज पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में सिंध हाउस पर धावा बोल दिया. प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की पार्टी पीटीआई के इन सांसदों को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan Peoples Party) की ओर से संचालित सिंध हाउस में रखा गया है. टेलीविजन फुटेज में पीटीआई के दर्जनों कार्यकर्ताओं को सिंध हाउस में घुसते हुए और असंतुष्ट सांसदों के समूह के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा गया है. पीटीआई के करीब दो दर्जन असंतुष्ट सांसदों ने विपक्ष की ओर से संसद में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान खान के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के सामने एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार आर्थिक संकट और देश में बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. इमरान सरकार में शामिल एक सहयोगी दल के मुखिया, परवेज इलाही ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीति में जिस तरह के हालात बन गए हैं उसे देखने के बाद ये तय है कि इमरान खान की कुर्सी 100 फीसदी जाने वाली है.
पाकिस्तानी संसद की निचली सदन में इमरान खान के 4 सहयोगियों की कुल 20 सीट है. ऐसा माना जा रहा है कि इनमें से 15 सहयोगी अब विपक्ष से हाथ मिला चुके हैं. अगर ऐसा होता है तो इमरान खान के पास 179 में से 15 सहयोगी कम हो जाएंगे और पाकिस्तान में बहुमत के लिए 172 का जादुई आंकड़ा छूना जरूरी होता है. वहीं विपक्ष के पास अभी 162 सीट हैं. ऐसे में अगर ये सभी 15 सहयोगी विपक्ष के साथ चले जाते हैं तो इमरान खान की कुर्सी गिरना तय है. 21 मार्च को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाया जा सकता है और अविश्वास प्रस्ताव पर 28 मार्च को मतदान होने की संभावना है.
‘बढ़ती महंगाई को काबू करने में विफल रहे इमरान खान’
असंतुष्ट सांसदों में शामिल राजा रियाज ने जियो न्यूज से कहा कि खान बढ़ती महंगाई को काबू करने में विफल रहे हैं, जबकि एक अन्य सांसद नूर आलम खान ने समा न्यूज को बताया कि उनकी कई शिकायतों पर सरकार में कोई सुनवाई नहीं हुई. रियाज ने कहा कि हम उन दो दर्जन से अधिक सदस्यों में शामिल हैं, जो सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं. नूर ने कहा कि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में गैस की कमी का मुद्दा कई बार उठाया, लेकिन कुछ नहीं किया गया.
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