नई दिल्ली। जितनी ज्यादा टेक्नोलॉजी (technology) बढ़ती जा रही है, उससे कहीं ज्यादा ठगी के तरीके एडवांस (Fraud Methods Advance) होते जा रहे हैं. लोग नए नए तरीके अपनाकर लोगों को बेवकूफ बनाकर रुपये ऐंठ रहे हैं। ऐसा ही एक एडवांस ठगी (Fraud Advance) का मामला गाजियाबाद से सामने आया है. यहां दो शातिर ठगों ने मैजिक पेन का यूज (use magic pen) करके 500 लोगों को अपना शिकार बनाकर 50 लाख रुपये (50 Lakh Fraud) से ज्यादा की ठगी कर ली। आइए आपको पूरा मामला बताते हैं…
पुलिस के अनुसार दोनों शातिर लोन व बीमा पॉलिसी दिलाने के नाम पर लोगों के कैंसिल व प्रोसेसिंग फीस के चेक लेते थे। इस चैक को वे अपने मैजिक पेन से भरवाते थे. इसके बाद वे उसकी स्याही को रबड़ से मिटा देते थे या फिर आग की लौ के जरिए स्याही को उड़ा देते थे। एसपी क्राइम डॉ. दीक्षा शर्मा के अनुसार साइबर सेल ने बागपत के ककड़ीपुर रमाला निवासी सुनील शर्मा और थाना मेजा, प्रयागराज के गांव निवइया निवासी रजनीकांत शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ही मैजिक पेन के जरिए लोगों को ठगते थे. इसका मास्टर माइंड सुनील है, जो बीए पास है. वहीं, दूसरा रजनीकांत एलएलबी किए हुए है।
दोनों ही आरोपी पहले एक बीमा कम्पनी में साथ काम करते थे. यहां से उन्होंने यह सीख लिया कि लोगों से लोन संबंधित बातचीत कैसे करते हैं और लोन के लिए किस तरह के दस्तावेजों की जरूरत होती है. इतना ही नहीं दोनों ने अपने विजिटिंग कार्ड भी छपवा रखे थे ताकि लोग आसानी से उनके झांसे में आ सकें।
साइबर सेल के प्रभारी सुमित कुमार के अनुसार दोनों आरोपी बेहद शातिर हैं. यदि कोई व्यक्ति एक लाख रुपये का लोन लेने की इच्छा जाहिर करता था तो वह उससे उसके खाते में तीन दिन के लिए एक लाख रुपये जमा करने के लिए कहते थे. आरोपी कहते थे कि बैंक को हैसियत दिखाने के लिए ही खाते में रकम जमा कराई जा रही है. इसके बाद आरोपी बैंक वेरिफिकेशन से बचने के लिए पीड़ित को तीन दिन के लिए मोबाइल बंद करने या कॉल अपने नंबर पर ट्रांसफर कराने की बात कहते थे. इसके बाद आरोपी चेक में छेड़छाड़ करके उसमें रकम भरकर बैंक से रकम निकाल लेते थे।
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जानकारी के अनुसार रोपियों ने लोगों को कॉल करने के लिए फर्जी आधार कार्ड पर सिम लिए रखे थे. जो लोग लोन लेना चाहते थे, ये दोनों शातिर उनके घर पहुंच जाया करते थे. प्रोसेसिंग फीस और सिक्योरिटी के नाम पर लोगों से चेक लेते थे और उसे मैजिक पेन से भरवाते थे. बाद में हेराफेरी करके चेक में मनमाफिक रकम भर लिया करते थे. धोखधड़ी के बाद मोबाइल बंद कर लिया करते थे।
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