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    प्रदेश में वाहनों का पंजीयन अब केंद्र के वाहन पर

    March 19, 2022

    • अप्रैल से छह जिलों में होगा परीक्षण, एक करोड़ वाहनों का डाटा भी होगा स्थानांतरित
    • बीएच सीरीज शुरू होने का रास्ता होगा साफ, एक राष्ट्र एक क्रमांक की अवधारणा होगी साकार

    भोपाल। बीते एक अगस्त से प्रदेश में लाइसेंस की व्यवस्था केंद्र सरकार के सारथी सर्वर पर जाने के बाद अब वाहनों के पंजीयन की व्यवस्था भी केंद्र सरकार के सर्वर वाहन पर जाएगी। इसमें करीब दो माह का समय लगेगा। फिलहाल अगले माह से प्रदेश के छह छोटे जिलों से इसकी शुरुआत होगी। इसी क्रम में प्रदेशभर के करीब एक करोड़ वाहनों का डाटा स्मार्टचिप कंपनी के सर्वर से केंद्र के सर्वर पर स्थानांतरित किया जाएगा। यह व्यवस्था शुरू होने के बाद प्रदेशभर में वाहनों की बीएच सीरीज भी लागू हो सकेगी। जानकारी के अनुसार लाइसेंस के बाद अब वाहनों के पंजीयन की व्यवस्था भी इस पर स्थानांतरित की जाएगी। इसके लिए अगले माह से छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। फिलहाल जिलों का चयन नहीं हो पाया है। यहां के वाहनों का डाटा स्मार्ट चिप के सर्वर से वाहन सर्वर पर भेजा जाएगा। इसके बाद मई में पूरे प्रदेश के वाहनों का डाटा वाहन के सर्वर पर लोड कर दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वाहनों के पंजीयन को वाहन पर स्थानांतरित करने में अभी कुछ समय लगेगा। केंद्र के सर्वर पर जाने से लोगों को कई सुविधाएं हो जाएंगी। हम भी इसका इंतजार कर रहे हैं। लाइसेंस के डाटा को भी सारथी सर्वर पर शिफ्ट करने में भी समय लगा था। वहीं प्रदेश में यह व्यवस्था लागू करने के पहले खरगोन और सतना जैसे जिलों में इसका परीक्षण किया गया था।


    नई व्यवस्था से होंगे कई लाभ

    • बीएच सीरीज: केंद्र सरकार ने नई गाडिय़ों के लिए भारत सीरीज बीएच में पंजीयन की व्यवस्था लागू की है। एक राष्ट्र एक क्रमांक (वन नेशन वन नंबर) के तहत प्रदेश में जिस वाहन का पंजीयन भारत सीरीज बीएच में होगा, उस वाहन के मालिक को दूसरे राज्य में जाने पर अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लेना पड़ेगा और न ही नया क्रमांक लेने की जरूरत पड़ेगी। अभी हर राज्य में जाने पर वहां पर वाहन को पंजीयन शुल्क देकर उस राज्य का क्रमांक लेना होता है।
    • दस्तावेज दिखाने से मुक्ति: किसी भी दूसरे राज्य में वाहन लेकर जाने पर जांच के दौरान दस्तावेज दिखाने से मुक्ति मिल सकती है। वाहन का क्रमांक डालते ही पूरी जानकारी आ जाएगी।
    • किसी भी राज्य में फिटनेस: व्यावसायिक वाहनों को चालकों और मालिकों को काफी सुविधा हो जाएगी। वाहन का फिटनेस किसी भी राज्य में हो सकेगा। जैसे इंदौर का कोई ट्रक दिल्ली गया है और वहां उसका फिटनेस खत्म हो गया है तो वह वहीं फिटनेस जांच कर प्रमाणपत्र ले सकेगा।
    • चोरी के वाहन का पंजीयन नहीं: अभी चोरी के वाहनों का पंजीयन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दूसरे राज्यों में कर दिया जाता है, लेकिन अब पुराने वाहन का डाटा भी वहां होगा। चेसिस नंबर और इंजन नंबर डालते ही जानकारी मिल जाएगी कि वाहन किसी दूसरे राज्य में पहले से पंजीकृत है। इस पर भी रोक लगेगी।

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