नई दिल्ली । कोविड नियमों के कथित उल्लंघन के कारण बंद होने के दो साल बाद यहां निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) को अब दो दिन के लिए फिर से खोल दिया गया ताकि लोग शब-ए-बरात (Shab-e-Barat) पर नमाज अदा कर सकें. दिल्ली (Delhi) उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मरकज की तीन मंजिलों को फिर से खोलने की अनुमति देते हुए कहा था कि मस्जिद का प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि आगंतुकों द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
मरकज की प्रबंधन समिति के वकील फुजैल अहमद अयूबी ने बताया कि ‘‘उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश के अनुसार पुलिस ने आज मरकज के दरवाजे खोल दिए.” निजामुद्दीन मरकज मार्च 2020 में विवाद के केंद्र में था, जब तबलीगी जमात द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद मरकज को बंद कर दिया गया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मस्जिद भवन के भूतल और तीन अन्य मंजिलों को शब-ए-बारात से एक दिन पहले दोपहर 12 बजे खोला जाएगा और अगले दिन शाम चार बजे बंद कर दिया जाएगा. शब-ए-बरात 18 मार्च को है.
अदालत ने मरकज प्रबंधन समिति को 26 फरवरी को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है जिसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथ धोते रहने और बंद जगहों पर वेंटिलेशन की व्यवस्था का पालन करने का निर्देश दिया गया है. वकील ने कहा कि प्रबंधन समिति डीडीएमए के सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेगी और भीड़भाड़ नहीं होने दी जाएगी.
अदालत दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मार्च और अप्रैल में शब-ए-बारात और रमजान के मद्देनजर मस्जिद खोलने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने रमजान के दौरान मस्जिद को फिर से खोलने के मुद्दे पर निर्णय लेने के वास्ते 31 मार्च के लिए मामला सूचीबद्ध किया. रमजान दो अप्रैल से शुरू होगा. महामारी कानून, आपदा प्रबंधन कानून, विदेशी कानून और दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम और उसके बाद कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान विदेशियों के ठहरने के संबंध में 2020 में कई प्राथमिकी दर्ज की गईं.
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