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    सिटी उद्यान और सिलिंग विमुक्त करोड़ों की जमीन संस्था ने बेच डाली

  • March 16, 2022

    • मामला आदर्श श्रमिक गृह निर्माण का, सदस्यों की शिकायत पर सहकारिता निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन से पकड़ाई कई गड़बड़ियां

    इंदौर। आदर्श श्रमिक सहकारी गृह निर्माण संस्था (Adarsh Shramik Sahakari Griha Nirman Sanstha) के फर्जीवाड़े का खुलासा अग्निबाण पूर्व में भी कर चुका है और अभी सदस्यों की शिकायत के बाद अपर कलेक्टर के निर्देश पर सहकारिता विभाग (cooperative Department) ने अपने निरीक्षक से जो जांच करवाई उसमें भी तमाम गड़बड़ियां उजागर हो गई। 65 सदस्यों को भूखंड से वंचित रखने और उनके हक की जमीन बेच डालने के अलावा संस्था पर यह भी आरोप है कि संस्था ने मास्टर प्लान में निर्धारित सिटी उद्यान्न और सीलिंग से विमुक्त जमीन भी बेच डाली। इतना ही नहीं अपने इस जांच प्रतिवेदन में सहकारी निरीक्षक ने तत्कालीन संचालक मंडल द्वारा नियमों का पालन ना करने के साथ दोषी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की है।

    कुछ समय पूर्व ही सहकारिता विभाग ने मजदूरों के नाम खरीदी संस्था की जमीन के अवैध विक्रय के चलते धारा 53बी के तहत कार्रवाई करते हुए पांच संचालकों को पद से हटाते हुए 6 साल के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया था। दरअसल आदर्श श्रमिक संस्था की 6 एकड़ जमीन में से 3.15 एकड़ जमीन सुयश कंस्ट्रक्शन एंड डवलपर्स ने खरीद ली। वहीं अन्य जमीन की भी अफरा-तफरी कर दी गई, जिसके चलते पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने श्रीराम कचोलिया, राजेश जगदीशचंद्र, कुमारी पल्लवी, दिनेश झंवर, श्रीमती संगीता और संजय बलदेवा तथा गौरव काकाणी को संचालक मंडल से हटा दिया था। संस्था के एक सदस्य ईश्वरचंद्र पोरवाल द्वारा लम्बे समय से संस्था में हुए घोटालों की मय प्रमाण शिकायतें की जाती रही है। श्री पोरवाल ने कुछ समय पूर्व जिला प्रशासन को भी शिकायत की, जिसके चलते पिछले दिनों अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने सहकारिता विभाग को इस मामले में की जांच करने को कहा।


    कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा लगातार गृह निर्माण संस्थाओं में हुए फर्जीवाड़े और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है, जिसके चलते आदर्श श्रमिक संस्था के मामले में भी सहकारी निरीक्षक एचएस तिवारी ने 7 पेज का विस्तृत जांच प्रतिवेदन तैयार कर उपायुक्त को सौंपा है, जिसमें कई शिकायतों को सही पाया गया, जिसमें सीलिंग से विमुक्त जमीन, जिसका मास्टर प्लान में भू-उपयोग सिटी उद्यान्न, वाणिज्यिक सामान्य व मार्ग था, उसे भी विक्रय कर दिया गया। नवीन सदस्यों को भूखंड देना भी त्रुटिपूर्ण पाया गया।

    मजदूरों के नाम खरीदी जमीन भाजपाइयों ने ही हड़प ली
    एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लगातार माफियाओं के खिलाफ सख्त अभियान चलवाया, तो दूसरी तरफ भाजपा से ही जुड़े कई लोगों के नाम भूमाफियाओं के साथ संलग्न भी पाए गए। आदर्श श्रमिक गृह निर्माण संघर्ष समिति के ईश्वर पोरवाल का आरोप है कि ताई से जुड़े अशोक डागा ने सदस्यों के हितों की जमीन हड़प ली और अन्य रसूखदारों ने भी बची जमीनें अपनी फर्मों के नाम करवा ली और 100 से अधिक सदस्य सालों से भूखंड हासिल करने के लिए चप्पलें घीस रहे हैं। वहीं 162 नए सदस्य भी बना डाले।

    जिस पते से जमीन बिकी उसी पते पर खरीद भी ली
    आदर्श श्रमिक गृह निर्माण के फर्जीवाड़े में एक तथ्य यह भी सामने आया कि संस्था ने जमीन जिस बिल्डर यानी सुयश कंस्ट्रक्शन कम्पनी को बेची उसका और संस्था का पता एक ही है। संस्था ने अपना पता 8, आरएनटी मार्ग, 401, सिल्वर मॉल, इंदौर बताया। वहीं 3.15 एकड़ जमीन संस्था ने 43.50 लाख में जिस सुयश कंस्ट्रक्शन एंड डवलपर्स को बेची उसका भी पता 401, सिल्वर मॉल, 8, आरएनटी मार्ग है। एक ही पते के साथ संस्था उपाध्यक्ष और कम्पनी
    डायरेक्टर भी एक ही व्यक्ति जो कि नियम विरूद्ध है।

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