नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ जांच की मांग वाली (Seeking Probe) एक याचिका खारिज कर दी (Junks Plea), जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नामक प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन से संबंध हैं (Khalistani links)।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) को ‘पूरी तरह से तुच्छ’ करार देते हुए खारिज कर दिया। साथ ही भविष्य में इस तरह की दलीलें न देने को भी कहा। इसी तरह के आरोप लगाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का जिक्र करते हुए याचिका में चुनाव के कुछ दिनों पहले आप के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास के बयान की ओर इशारा किया गया है। याचिका में अलगाववादी समूहों द्वारा आप को धन मुहैया कराने का भी आरोप लगाया गया है।
हाल ही में कुमार विश्वास द्वारा कथित तौर पर एक साक्षात्कार में केजरीवाल और खालिस्तानी अलगाववादियों के बीच सहयोग के बारे में बात करने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। वायरल हो रहे एक वीडियो क्लिप में विश्वास ने आरोप लगाया कि किसी निर्दलीय खालिस्तान के पीएम का नाम लिए बिना अरविंद केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
आप ने वीडियो को झूठा, भ्रामक और पंजाब में विधानसभा चुनाव में पीछे चल रहे प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों की करतूत करार दिया था।
कुमार विश्वास के बयान को लेकर दिल्ली के एक वकील ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित की भी इसी तरह की शिकायत केजरीवाल के खिलाफ पंजाब के मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में उनके कथित ‘खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ सहयोग’ को लेकर दर्ज की जा चुकी है।
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