भोपाल। भर्ती एवं प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को लेकर देशभर में प्रदेश की किरकिरी करा चुकी सरकारी एजेंसी व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) परीक्षा फीस के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है। व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लेने के बाद नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन परीक्षा फीस के नाम पर व्यापमं की कमाई जरूर होती है। पिछले 10 साल में व्यापमं ने फीस के नाम पर बेरोजगारो से 1046 करोड़ रुपए वसूले। जबकि व्यापमं का सभी तरह का खर्च सिर्फ 502 करोड़ हुआ। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि व्यापमं (पीईबी) के 5 अलग-अलग बैंक खातों में 404 करोड़ से अधिक की राशि जमा है। भर्ती परीक्षाओं में हर साल लाखों बेरोजगार शामिल होते हैं। इससे प्रदेश में बेरोजगारी का भी पता चलता है। 2017 में व्यापमं ने 15 परीक्षाएं ली, जिनमें 36 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। व्यापमं ने सबसे ज्यादा फीस पटवारी, पुलिस, जेल प्रहरी, शिक्षक को परीक्षा के नाम पर वसूला।
आधी फीस करने पर भी फायदे में रहेगा व्यापमं
सरकार द्वारा विधानसभा में व्यापमं की कमाई के जो आंकड़े पेश किए हैं, उसके अनुसार यदि परीक्षा फीस में 50 फीसदी कटौती की जाती है फिर भी व्यापमं फायदे में रहेगा। क्योंकि व्यापमं सभी तरह की परीक्षाएं निजी एजेंसियों के जरिए आयोजित कराती है। जिसके एवज में हर साल करोड़ों रुपए का भुगतान होता है। पिछले 10 साल की फीस वसूली के अनसार व्यापमं हर साल 45 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमा रहा है। जबकि हर साल औसत खर्च 41 करोड़ है।
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