जयपुर। जयपुर की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला (Hingonia Gaushala) दो साल पहले उस समय चर्चित हुई थी जब यहां बारिश की वजह से हजारों गायों की मौत हो गई थ। उस समय इस गौशाला का संचालन जयपुर नगर निगम (Jaipur Municipal Corporation) के जिम्मे था, इसके बाद भी हिंगोनिया गौशाला में कोई इंतजाम नहीं थे, इस कारण निगम प्रशासन को आलोचना झेलनी का सामना करना पड़ा था, लेकिन यही हिंगोनिया गौशाला (Hingonia Gaushala) एक बार फिर चर्चा में बनी हुई है।
बता दें कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हिंगोनिया गोशाला (Hingonia Gaushala) में लगभग 1 हजार 300 गायें भूख से मरने की कगार पर हैं, क्योंकि जयपुर नगर निगम ने पिछले छह महीनों से गोशाला के लिए फंड जारी नहीं किया है। गोशाला के संचालन और रखरखाव का काम देखने वाले श्री कृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट द्वारा कई बार याद दिलाने के बावजूद नगर निगम भुगतान करने के मूड में नहीं दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि गोशाला (Hingonia Gaushala) में बढ़ती मवेशियों की संख्या के साथ नगर निगम पर 3.5 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो गया है। वहीं दूसरी ओर अब गायों की सही तरह से देखरेख करना ट्रस्ट के लिए भी कठिन काम होता जा रहा है। केंद्र के प्रभारी प्रेमानंद दास का कहना है कि यहां काम करने वाले मजदूरों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है और उन्होंने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
अगर गौशाला (Hingonia Gaushala) में गायों के आहार की बात करें तो गोशाला को प्रतिदिन लगभग 60 टन चारे और 15,000 किलोग्राम पशु आहार की जरूरत होती है, जिसकी कीमत 6 लाख रुपये है। चूंकि शहर से 30-40 से अधिक आवारा गायों को गोशाला में लाया जाता है, इसलिए धन के अभाव में स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
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