नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने को-लोकेशन घोटाला मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व महाप्रबंधक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने रामकृष्ण को 28 मार्च को भौतिक रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सात दिन की हिरासत खत्म होने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया था और न्यायिक हिरासत की अपील की थी। जांच एजेंसी ने छह मार्च को रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। इससे एक दिन पहले अदालत ने अग्रिम जमानत की उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
सीबीआई ने हाल में इस मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी। आयकर (IT) विभाग ने पहले मुंबई और फिर चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था। देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं के ताजा खुलासे के बीच को-लोकेशन घोटाले से संबंधित मामले में रामकृष्ण को गिरफ्तार किया गया था। इस संबंध में मई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में, ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं जिससे उन्हें बाजारों तक तेजी से पहुंच प्राप्त हो सकती है। आरोप है कि कुछ दलालों ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया।
इससे पहले, पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वरिष्ठ स्तर पर नियुक्ति में अनियमितता के लिए एनएसई, रामकृष्ण, रवि नारायण और दो अन्य अधिकारियों पर जुर्माना लगाया था। रवि नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के एमडी और सीईओ थे, जबकि चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक इन पदों पर थीं।
सेबी ने पाया कि एनएसई और उसके शीर्ष अधिकारियों ने समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध मानदंडों का उल्लंघन किया।
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