लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के मैदान में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर संभावनाओं के घोड़े पर सवार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को नतीजों ने खासा झटका दिया। पार्टी को जिस प्रदर्शन की उम्मीद थी, वह हासिल नहीं हो सकी। विधानसभा चुनाव के मैदान में अपने सहयोगियों के साथ 125 सीटों के आंकड़े तक पहुंचते-पहुंचते सपा गठबंधन हांफ गया। सपा और सहयोगी दलों के तमाम नेताओं ने चुनावी प्रचार में अपनी ताकत झोंकी, लेकिन अगर जादू किसी का चला तो वह रही डिंपल यादव।
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डिंपल चुनावी मैदान में पांचवें चरण के चुनाव के प्रचार से मैदान में उतरीं और उन्होंने सिराथू सीट पर (Sirathu Assembly Seat) बाजी ही पलट दी। देर से चुनावी मैदान में उनको उतारे जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं। लेकिन, सपा ने आखिरी चरणों में बड़े नामों के चुनाव में व्यस्त होने के कारण उन्हें चुनावी मैदान उतारने का जो दांव खेला, वह हिट रहा।
डिंपल जहां गईं, हारी भाजपा
डिंपल यादव ( (Dimple Yadav)) चुनाव प्रचार करने के लिए जिन सीटों तक पहुंचीं, वहां पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। सिराथू से चुनाव लड़ रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) इसके उदाहरण हैं। समाजवादी पार्टी ने पहले उनके खिलाफ अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की बहन पल्लवी पटेल (Pallavi patel) को चुनावी मैदान में उतारा। इसके बाद चुनाव प्रचार करने डिंपल यादव (Dimple Yadav In Sirathu) यहां पहुंचीं। यहां की जनसभा में डिंपल ने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के भगवा कपड़े के रंग पर तंज कसा। उनकी तंज का धार ऐसा रहा कि केशव मौर्य इस सीट पर हवा हो गए। पल्लवी पटेल इस सीट पर जीत दर्ज कर विधानसभा तक पहुंचने में कामयाब रहीं। डिंपल के चुनावी मैदान में न उतरने का कारण 2017 की उस जनसभा को माना जाता है, जब भाषण के दौरान कार्यकर्ताओं ने अभद्र नारे लगाए थे।
पांच विधानसभा क्षेत्र में प्रचार, चार में सफलता
डिंपल यादव ने पांच विधानसभा सीटों पर प्रचार किया, जिसमें से चार में पार्टी को सफलता मिली। इस प्रकार उनकी सभाओं और जीत का सक्सेस रेट 80 फीसदी रहा, जो किसी भी अन्य स्टार प्रचारक के सक्सेस रेट से कहीं अधिक है। सिराथु के अलावा डिंपल कौशांबी की चायल विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने गईं और यहां पर पार्टी उम्मीदवार पूजा पाल को जीत दिला दी। पूजा के पति राजू पाल की 2005 में हत्या हुई थी। इस सीट पर उनका मुकाबला अपना दल (एस) के नागेंद्र सिंह पटेल से था। पूजा पाल ने उन्हें चुनाव में 13,346 वोटों से हराया।
मंझनपुर विधानसभा सीट पर सपा के इंद्रजीत किशोर के पक्ष में एक जनसभा ने चुनाव का रुख ही पलटकर रख दिया। उन्होंने चुनाव में भाजपा के लाल बहादुर को 23,578 वोटों से हराया। मछलीशहर में सपा की डॉ. रागिनी ने भाजपा के महिलाल को 8484 वोटों से हराया। इसमें बड़ा योगदान डिंपल की जनसभा का माना जा रहा है। डिंपल की सभा वाली एक सीट मड़ियाहूं में सपा को 1206 वोटों से हार मिली। यहां से अपना दल (एस) के डॉ. आरके पटेल ने सुषमा पटेल को मात दी।
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