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    इस मॉडल को 12 साल की उम्र में आने लगी थी लड़की होने की फिलिंग, चार साल से कर रही मिस ट्रांसक्वीन की ब्रांडिंग

  • March 13, 2022

    मुंबई। बिहार (Bihar) के कटिहार में एक सिख परिवार में पैदा हुईं नव्या सिंह(Navya Singh) जन्म से ही लड़का थीं। लेकिन अपने अस्तित्व को नई पहचान देने की हिम्मत रखने वालीं नव्या सिंह(Navya Singh) आज एक मॉडल(model), एक्‍टर(actor) और मिस इंडिया ब्यूटी पेजेंट की ब्रांड एंबेसडर (Brand ambassador of Miss India beauty pageant) हैं और बहुत से लोगों के लिए एक प्रेरणा है। लड़के के शरीर में पैदा हुईं नव्या को गुजरते समय के साथ एहसास हुआ कि उनकी आत्मा एक लड़की की है। अपने इसी बदलाव को लेकर उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नव्या ने 14-15 साल की उम्र में अपनी मां से यह बात साझा की थी कि वह अपने इस शरीर में खुश नहीं हैं और एक लड़की बनकर जिंदगी जीना चाहती हैं। लेकिन उनकी बात का जवाब देते हुए उनकी मां ने यही कहा कि इस रास्ते में उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ेगा और कोई भी उनका साथ नहीं देगा। मां की यही बात नव्या सिंह(Navya Singh) के दिल में लग गई थी।



    हाल ही में दिए इंटरव्यू में नव्या सिंह(Navya Singh) ने लड़के से लड़की बनने के अपने सफर की कहानी साझा की। नव्या ने बताया कि समय के साथ जैसे-जैसे में वह बड़ी होती गईं उनका बर्ताव लड़कियों की तरह होने लगा, जिसकी वजह से उनका मजाक भी उड़ता था। उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार 12 साल की उम्र में यह एहसास हुआ कि मैं लड़की हूं। अपने मां-बाप के साथ कहीं जाने पर मेरे सामने ही लोग मेरा मजाक उड़ाते थे. जिससे मेरे मां-बाप को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी। मेरा लड़कियों की तरह रहना मेरे पिता को बिल्कुल भी पसंद नहीं था। इसलिए शुरुआत में वह मेरा बिल्कुल भी समर्थन नहीं करते थे. लेकिन मेरी जिंदगी में मेरी मां ने हमेशा मेरा सपोर्ट किया।
    नव्या सिंह(Navya Singh) ने आगे बताया कि बाद में मैं अपने माता- पिता को मुंबई लेकर आई। जहां डॉक्टर ने दोनों की काउंसलिंग की। इस काउंसलिंग के बाद डॉक्टर के कमरे से बाहर आते ही पापा ने मुझे गले लगा कर कहा तुम चाहे लड़का हो या लड़की, तुम बस मेरे बच्चे हो। उस समय मेरे लिए यह सबसे खुशी की बात यह थी कि उन्होंने मुझे स्वीकार कर लिया था। नव्या कहती हैं कि किसी के लिए भी सबसे कठिन समय तब होता है जब उसे खुद की पहचान से जिंदगी में लड़ाई लड़नी होती है। खुद को खुद से पहचानने की कोशिश ही जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई है। अगर आप इस लड़ाई से जीत जाते हैं तो आप जिंदगी के खिलाड़ी कहलाते हैं।
    उन्होंने कहा कि मैं सबसे यही कहना चाहूंगी कि भगवान ने सभी को जिंदगी दी है। हम किसी को भी जज करने वाले कोई नहीं होते। हम सभी को एक- दूसरे के साथ प्यार से रहना चाहिए और आपस में प्यार बांटना चाहिए। इसके अलावा मैं उन सभी पेरेंट्स से भी यह कहना चाहूंगी कि ऐसे लोग आपके ही बच्चे हैं, इन्हें आपने ही पैदा किया है। अगर आप इन्हें छोड़ेंगे तो आप सबसे बड़े गुनहगार होंगे। नव्या सिंह(Navya Singh) ने बताया कि लड़की बनने के बाद मुझे साल 2016 में इंडिया के प्रमुख मैग्जीन की तरफ से बतौर मॉडल पहला काम मिला। इसके बाद मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी। उस समय मैंने सावधान इंडिया में ट्रांसवुमन मोना का मुख्य किरदार भी निभाया था।
    साल 2017 में मुझे मिस ट्रांसक्वीन इंडिया ब्यूटी पेजेंट (Miss Transqueen India Beauty Pageant) के बारे में पता चला, जिसका मैंने ऑडिशन भी दिया। यह भारत का एकमात्र ट्रांसवुमन ब्यूटी पेजेंट है, जो पहली बार आयोजित किया गया। इस प्रतियोगिता में मैं टॉप 5 प्रतिभागियों में भी शामिल हुई। बाद में इन लोगों ने मुझे मिस ट्रांसक्वीन का ब्रांड एंबेसडर भी बना दिया, जिसकी मैं 4 सालों से ब्रांडेड कर रही हूं। इसके अलावा मैंने सेक्स रैकेट पर आधारित एक बायोपिक फिल्म में भी काम किया है। यह फिर जल्दी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। मैं देश की पहली ट्रांसवुमन हूं जो फिल्म में आइटम नंबर करती दिखाई देगी।

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