उज्जैन। समाजशास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययनशाला में बालिका सुरक्षात्मक उपाय हेतु जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं को सुरक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिर्ची एवं स्प्रे वितरित किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति अखिलेशकुमार पांडेय ने कहा विद्यार्थियों को स्वतंत्रता एवं स्वछंदता में अंतर समझना होगा। मुख्य वक्ता दीपिका शिंदे ने कहा महिला को दो तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। पहली जो घर से शुरू होती है घर पर रिश्तेदार, पारिवारिक मित्र सबके व्यवहार को समझकर सतर्क होने की जरूरत है। दूसरी बाहर जो पड़ोस से आरंभ होकर विद्यालय महाविद्यालय, कार्यस्थल पर ध्यान रखना होगा। पहला विरोध ही आपको सुरक्षित करता है। हमें साहस, सुझबुझ से समझना होगा। सोशल मीडिया की अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका है, हम अपनी फोटो, अपनी व्यक्तिगत जानकारी मीडिया पर शेयर करते हैं जो उसके बाद हमारी नहीं रह जाती है। हमारे हाथ से निकलकर सार्वजनिक हो जाती है। वन स्टाप सेंटर की सलाहकार वर्षा व्यास ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के साथ ही महिलाओं, बालिकाओं को उनकी जिम्मेदारी, उनके व्यवहार में स्पष्टता साथ ही शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
इस अवसर पर सुमन सिसौदिया, डॉ. प्रीति पांडे, डॉ. अंजना गौड़, मिताली, भारतीय शिक्षा महाविद्यालय, लोकमान्य तिलक महाविद्यालय, शा. कन्या महाविद्यालय, माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सांदीपनि महाविद्यालय, संस्कृत वेद ज्योतिष अध्ययनशाला विवि, प्राचीन भारतीय इतिहास अध्ययनशाला, वाणिज्य अध्ययनशाला एवं समाजशास्त्र एवं समाजकार्य अध्ययनशाला, शिक्षक एवं छात्रों ने सहभागिता की।
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