भोपाल। इस बार कोरोना संक्रमण थमा हुआ है इसलिए होली का उत्साह दिखाई देने लगा है। लोग कहां और कैसे होली खेली जाए इसकी प्लानिंग कर रहे हैं। होली पर रंगों और गानों की थीम तय की जा रही है, लेकिन होली के इस उत्साह पर महंगाई ने खलल डाल दिया है। पिचकारी और रंगों के दाम में 10 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, इसकी वजह से लोग फिलहाल बच्चों को सस्ती पिचकारी दिलाने की समझाइश देने में लगे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण शुरू हो गया था लेकिन होली का त्योहार संक्रमण की तीव्रता दिखाई देने से पहले मना लिया गया था, लेकिन पिछले साल 2021 में होली के त्योहार के साथ ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई और इसकी वजह से त्योहार फीका हो गया। एक साल के अंतराल के बाद होली पर फिर उत्साह है लेकिन महंगाई ने लोगों के उत्साह करने का काम कर रही है।
सामान्य पिचकारी 100 रुपए में
प्लास्टिक आइटम का कारोबार करने वाले व्यापारियों का कहना है कि पिछले एक माह में प्लास्टिक के दाने में वृद्धि की वजह से प्लास्टिक का सामान महंगा हुआ है। पिचकारी पर भी इसका ही असर आया है। शहर में कुछ कारोबारी ऐसे हैं जो हर साल पिचकारी और रंगों का कारोबार करते थे लेकिन इस साल मांग महंगा होने और कोरोना पर बिक्री की गारंटी न होने की वजह से पिचकारी का कारोबार बंद ही कर दिया है। जो पिचकारी 100 रुपए की आती थी वह 120 और 130 रुपए की आ रही है। कारोबारी बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पहले के साल में होली पर पिचकारी और रंगों का लगभग एक करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था लेकिन पिछली साल कोरोना की दूसरी लहर में यह आधा रह गया, यानि 50 से 60 लाख रुपए का कारोबार ही हुआ। इस बार महंगाई की वजह से कारोबार की रकम तो बढ़ेगी लेकिन बचत का प्रतिशत कम हो जाएगा, इसलिए कुछ कारोबारियों ने तो इन आइटम के व्यापार से हाथ खींच लिया है।
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