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    नागदा में बनेगा 400 करोड़ की लागत से सौर पार्क परियोजना 

  • March 11, 2022

    नागदा/उज्जैन। उज्जैन जिले के औद्योगिक नगर नागदा (Nagda, an industrial town in Ujjain district) से लगभग 6 किमी दूर उन्हेल रोड पर एनटीपीसी (NTPC) की खाली पड़ी लगभग 1000 हजार भूमि पर 400 करोड़ की लागत से सौर पार्क परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। भूमि का प्रारंभिक परीक्षण कर मिट्टी आदि की जांच का कार्य पूरा हो गया है। अब शीघ्र निविदा आदि की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी की विधिवत सूचना केंद्रीय विद्युत मंत्री एवं नवीन और नवीनीकरण उर्जा आरके सिंह ने क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया को प्रेषित की है।



    सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन ने शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता नागदा को केन्द्रीय मंत्री के पत्र की प्रति भी उपलब्ध कराई। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन भी हुआ, जिसमें मप्र असंगठित कामगार कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुल्तान सिंह शेखावत ने भाजपा मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल एवं प्रकाश जैन की मौजूदगी में योजना से संबंधित बातों का खुलासा किया।

    क्या बोले सांसद प्रतिनिधि

    हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया एवं वे स्वयं कई दिनों से प्रयासरत थे। आखिरकार सफलता मिली है। यह प्रोजेक्ट एनटीपीसी द्वारा बनाया जाएगा। लगभग 100 मेगावाट क्षमता की परियोजना है। इस परियोजना की स्थापना के लिए 200 मेगावॉट हैक्टेयर भूमि का आवंटन/चिन्हित किया जा चुका है। प्रकाश ने दावा किया कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने पर लगभग 100 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। साथ ही परियोजना के निर्माण के समय तकरीबन 500- 750 लोगों को अस्थायी काम मिलेगा। परियोजना की लागत 400 करोड़ का निवेश होने की संभावना है।

     

    उन्होंने बताया कि परियोजना स्थापना हेतु सोलार पैनल 540 व्हाइट पीक प्रति पैनल जिसकी साईज पांच गुणित 3.5 फीट होगी। प्रोजेक्ट स्थापना में तकरीबन 2 लाख पैनल स्थापना का दावा उन्होंने किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए सांसद फिरोजिय ने भारत सरकार के समक्ष कई बार स्मरण पत्र भेजे थे। जो कि क्रमश: 22 सितंबर 2020, 2 नवंबर 2020 , 15 मार्च 2021, 31 अगस्त 2021 एवं 2 दिसंबर 2020 को कार्यवाही की थी।

     

    यह है मामला

    जिस स्थान पर यह प्रोजेक्ट आ रहा है, इस जगह पर वर्ष 1992 में एनटीपीसी ने भारत एवं रूस के सहयोग से प्रोजेक्ट निर्माण का निर्णय लिया था। उस समय शासकीय भूमि के अलावा किसानों से भी भूमि अधिग्रहित की गई थी। लगभग 1000 बीघा भूमि उस समय प्रोजेक्ट के लिए आंकी गई थी। लेकिन बाद में यह प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया। तब से भूमि खाली पड़ी है। सांसद फिरोजिया के प्रतिनिधि प्रकाश जैन ने बताया कि यहां पर किसी प्रोजेक्ट की स्थापना संभव है। सांसद ने रूचि ली और अब नया प्रोजेक्ट मंजूर हुआ।

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