इंदौर। आगामी वित्त वर्ष की अचल सम्पत्तियों (immovable properties) की गाइडलाइन तय करने के लिए जिला मूल्यांकन समिति (District Evaluation Committee) की कल आयोजित बैठक में 575 लोकेशनों पर स्टाम्प ड्यूटी में वृद्धि करना तय किया। वहीं 144 लोकेशन पर 25 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी। इंदौर के अलावा महू, सांवेर, देपालपुर और हातोद में विकसित नई 301 कालोनियों में भी गाइडलाइन घोषित (Guidelines announced in colonies also) की जाएगी। औद्योगिक गोदामों के लिए आवासीय टीन शेड की दरों से गणना करना भी प्रस्तावित किया गया है। औद्योगिक संगठनों द्वारा कलेक्टर को भेजे गए सुझाव के आधार पर महानिरीक्षक भोपाल को यह प्रस्ताव सौंपा गया है। औद्योगिक शेडों को गोडाउन की श्रेणी में लेकर 928 रुपए प्रति वर्गफुट दर रखी गई।
इस दर को पूर्ववत औद्योगिक शेड (undo industrial shed) की श्रेणी में लाते हुए इसकी दर 364 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट रखने की मांग एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज (Association of Industries) ने कलेक्टर से की। लिहाजा कल हुई बैठक में तय किया गया कि गोदामों के लिए आवासीय टीन शेड आधारित गणना की जाए। कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे (Senior District Registrar Balkrishna More) सहित सभी उप जिला पंजीयक व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। श्री मौरे के मुताबिक ऐसे क्षेत्र जहां पर अधिक संख्या में विगत दिनों रजिस्ट्रियां हुई हैं वहां 10 से 20 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित की गई है, जिनमें 431 लोकेशन पर 10 फीसदी तक और 144 पर 25 फीसदी तक वृद्धि प्रस्तावित है।
इन क्षेत्रों में काउंटीवॉक योजना 136, गोल्ड सिटी, अरिहंत नगर, अंसल टाउनशिप, ट्रेजर फेंटेसी, रानीबाग, सिलीकॉन सिटी से लेकर स्काय कार्पोरेट, सुदामा नगर, महालक्ष्मी नगर के कुछ सेक्टर व योजना 103 भी शामिल है। पब्लिक डोमेन में 2022-23 की प्रस्तावित गाइडलाइन को डाल भी दिया है और 15 मार्च तक इस पर सुझाव-आपत्तियां संबंधित कार्यालयों में ली जाएंगी। इतना ही नहीं, गाइडलाइन की दरों को जियो टैगिंग के माध्यम से उनकी सेटेलाइट इमेज को गाइडलाइन लोकेशन से मैच करने की प्रक्रिया भी जिले में क्रियान्वित की जा रही है। विभिन्न लोकेशन को डिलीट, शिफ्टिंग, मर्ज और इस्प्लिट भी किया जा रहा है।
50 फीसदी कम होगी लो डेंसिटी एरिया की गाइडलाइन
नगर तथा ग्राम निवेश से मिले पत्र के आधार पर जिला मूल्यांकन समिति में इस बात पर भी विचार हुआ कि अल्प घनत्व यानी लो डेंसिटी क्षेत्रों में चूंकि स्वीकृत अभिन्यास में कम निर्माण की मंजूरी मिलती है, लिहाजा 50 फीसदी गाइडलाइन कम होना चाहिए। इसका भी प्रस्ताव महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल को भेजा गया है।
प्राधिकरण के भूखंड और हो जाएंगे महंगे, बढ़ेगी दरें
रियल इस्टेट कारोबार में आई तेजी के साथ प्राधिकरण के भूखंड भी ऊंची दरों पर टेंडरों के जरिए खरीदे जा रहे हैं। योजना 140 से लेकर सुपर कॉरिडोर तक पिछले दिनों प्राधिकरण को ऊंची दरें प्राप्त हुईं। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण की योजनाओं की सम्पत्तियों की नवीन दरें निर्धारित की जाएं और कुछ क्षेत्रों में गाइडलाइन दरों को बढ़ाया जाए, जहां पर पिछले दिनों अधिक राशि के टेंडर प्राप्त हुए हैं। इस कवायद से शासन को अधिक राजस्व मिलेगा और प्राधिकरण आय बढ़ेगी।
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