मुंबई। बॉलीवुड में जितना रोल एक हीरो या हिरोइन का है उतना ही दमदार रोल किसी विलेन का भी होता है। सोचिए कि अगर 60, 70 और 80 के दशक की फिल्मों में विलेन न होते तो फिल्में कितनी बोरिंग हो जातीं। दरअसल नायक-नायिकाओं की अच्छी खासी स्टोरी में ट्विस्ट तो खलनायक को ही लाना पड़ता है। उस दौर की फिल्मों में बिंदु, अरुणा ईरानी और ललिता पवार जैसी अभिनेत्रियां विलेन के दमदार किरदार निभाती थीं। तो ऐसा नहीं है कि विलेन के रोल में सिर्फ अभिनेताओं ने ही दर्शकों के दिलों पर राज किया है, बल्कि अभिनेत्रियां भी इस मामले में कम नहीं है। आज हम आपको बॉलीवुड की उन सास के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने विलेन बनकर पर्दे पर अपनी बहुओं को खूब डराया है।
नादिरा: नादिरा ने अपने जमाने की कई हिट फिल्मों में काम किया है। वह श्री 420 और पाकीजा जैसी फिल्मों में विलेन के किरदार निभा चुकी हैं। सिल्वर स्क्रीन पर नादिरा का अभिनय इतना दमदार था कि लोग उन्हें सच में विलेन समझने लगे थे। होठों के दाहिनी तरफ तिल और बड़ी-बड़ी आंखें नादिरा के विलेन लुक को और भी शानदार बनाते थे।
ललिता पवार: बीते जमाने की अभिनेत्री ललिता पवार को आखिर कौन नहीं जानता। वही ललिता पवार जिन्होंने रामायण में मंथरा का रोल किया था। ललिता ने 1928 में फिल्म राजा हरिश्चंद्र से अपने करियर की शुरुआत की थी। करीब 1987 तक हिंदी फिल्मों में सक्रिय रहीं ललिता ने खूब दमदार विलेन के रोल किए।
रोहिणी हट्टागंड़ी: रोहिणी ने फिल्म अग्निपथ में अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था। साथ ही उन्होंने फिल्म महात्मा गांधी में गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा का रोल भी किया था। इसके बाद उन्होंने जितने भी निगेटिव रोल किए सभी में खूब सुर्खियां बटोरीं।
बिंदु: बिंदु अपने जमाने की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। 1970 से 1980 तक उन्होंने खूब विलेन के रोल किए। कभी जालिम सास तो कभी ननद बनकर अपनी भाभी या बहू को खूब तड़पाती थीं। उन्होंने कई फिल्मों में कैबरे डांसर का भी रोल किया है।
अरुणा ईरानी: अरुणा ईरानी ने अपने समय में 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। एक दौर था जब अरुणा ईरानी ने पर्दे पर खलनायिकाओं की परिभाषा बदल दी थी। अरुणा ने भी गोविंदा और अनिल कपूर की फिल्मों में खूब विलेन के रोल किए हैं।
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