भोपाल। आज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस तिथि से होलाष्टक का आरंभ का माना जाता है, जो फाल्गुन की पूर्णिमा तक रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि से पूर्णिमा के इन आठ दिनों में मांगलिक, शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है। वहीं नवविवाहिताओं के लिए ससुराल की पहली होली देखने की मनाही भी होती है। होलाष्टक में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, मुंडन संस्कार, नवीन वाहन क्रय आदि न करना ही बेहतर है। इस बार 17 मार्च को पूर्णिमा तिथि होगी, जिस दिन होलिका दहन होगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक के अशुभ संयोग का प्रभाव समाप्त हो जाता है, अस्तु इसके उपरांत ही शुभ, मांगलिक कार्य करना श्रेयस्कर है।
आठ दिन शुभ कार्य नहीं होंगे
ज्योतिर्विदों के अनुसार आज से होलाष्टक शुरू होकर होलिका दहन तक रहेगा। इन आठ दिनों के अंतराल में सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने की आज्ञा शास्त्र नहीं देते हैं। इन दिनों भगवत भजन करना श्रेष्ठ होता है। दो साल से कोरोना के कारण होली का त्योहार नहीं मना पाए थे। इस बार कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद माना जा रहा है कि लोग इस बार त्योहार मनाने के मूड में हैं।
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